जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी की नातिन रुआ शाह और जेल में बंद शब्बीर शाह की बेटी समा शब्बीर ने अपने आप को अलगाववादी विचारधारा वाली पार्टियों से दूर कर लिया है। दोनों ने ये दूरी सिर्फ मौखिक ढंग से नहीं बनाई बल्कि इसके बारे में इश्तेहार छपवाकर ऐलान किया है।
जेल में बंद अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की बेटी समा शब्बीर ने अखबार में एड देकर सार्वजनिक रूप से अपने पिता की डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (डीएफपी) से खुद को अलग कर लिया है और भारत संघ की संप्रभुता के प्रति निष्ठा की शपथ ली है। पूर्व में कश्मीर से सीबीएसई की टॉपर रही समा ने एक स्थानीय समाचार पत्र में नोटिस छपवाकर ऐलान किया।
Sama D/o Shabir Shah and grand daughter of Syed ali shah geelani Ruwa Altaf make clear declarations regarding their affiliations and political ideologies. They assert their loyalty to India and disassociate themselves from certain organizations. #BadaltaKashmir ! pic.twitter.com/kGlRRXeeJN
— Kamran Ali Mir (@kamranalimir) March 21, 2024
समा शब्बीर शाह ने विज्ञापन में कहा, “मैं साफ करना चाहती हैं कि मेरा संबंध डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी से कहीं से कहीं तक नहीं है न ही मेरा पार्टी की विचारधारा से लेना-देना है। मैं बस ये स्पष्ट करना चाहती हूँ कि अगर कोई मेरे नाम को पार्टी के साथ इस्तेमाल करेगा तो मैं उसके खिलाफ लीगल एक्शन लूँगी। ये भी साफ कर दूँ कि मैं भारत की ईमानदार नागरिक हूँ और मेरा संबंध ऐसी किसी संस्था से नहीं है जो भारत की अखंड संप्रभुता के खिलाफ हो।”
इसी तरह गिलानी की नातिन रुआ शाह ने भी अखबार में इश्तेहार दिया। इसमें उन्होंने कहा, “मैं सैयद अली शाह गिलानी की नातिन और अल्ताफ अहमद शाह की बेटी घोषणा करती हूँ कि मेरा हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से कोई लेना-देना नहीं है। इसे मेरे दादा चलाते थे। मेरा उस संगठन के प्रति कोई झुकाव या संवेदना नहीं है। अगर किसी ने मेरा न उसके साथ लिया तो मैं कानूनी कार्रवाई करूँगी। मैं भारत की ईमानदार नागरिक हूँ। भारत विरोधी एजेंडा रखने वाली संगठन से मेरा लेना-देना नहीं है। मैं संविधान के प्रति निष्ठा रखती हूँ।”
बता दें कि शब्बीर शाह पर पाकिस्तान के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में लंबे समय तक अशांति फैलाने का आरोप लगा था। इस समय शब्बीर शाह जेल में बंद हैं। ईडी ने कोर्ट में बताया था शाह बड़ी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है और आतंक फैलाने के मामले में कई देशों से बड़े स्तर फंडिंग जुटाई है। वहीं गिलानी की बात करें तो गिलानी कश्मीर का सबसे बड़े अलगावादी नेताओं में से एक थे। उनके ऊपर टेरर फंडिंग के केस थे। पाकिस्तान के वो इतने बड़े हितैशी थे कि उनके इंतकाल पर पाकिस्तान ने अपना झंडा आधी ऊँचाई पर फहरवाने का ऐलान किया था।