Tuesday, September 17, 2024
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ऑपइंडिया इंपैक्ट: जामनगर में रंजीत सागर बाँध के पास बनी अवैध दरगाह पर चला बुलडोजर, OpIndia की रिपोर्ट के बाद जागे प्रशासन ने ढाँचे को किया समतल

इस दरगाह को हटाने का आदेश पहले ही जारी हो चुका था, लेकिन प्रशासन इसे हटा नहीं पाई थी, लेकिन ऑपइंडिया द्वारा मई 2024 में स्पेशल रिपोर्ट करने के बाद जागे प्रशासन ने आखिरकार इस अवैध दरगाह को ध्वस्त कर दिया।

जामनगर में रंजीत सागर बांध के पास बने अवैध दरगाह को बुलडोजर एक्शन में ध्वस्त कर दिया गया है। इस अवैध दरगाह के बारे में ऑपइंडिया ने स्पेशल रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी, जिसके बाद इस पर तेजी से काम शुरू हुआ। हालाँकि इसे हटाने का आदेश पहले ही जारी हो चुका था, लेकिन प्रशासन इसे हटा नहीं पाई थी, लेकिन ऑपइंडिया द्वारा मई 2024 में स्पेशल रिपोर्ट करने के बाद जागे प्रशासन ने आखिरकार इस अवैध दरगाह को ध्वस्त कर दिया।

स्थानीय प्रशासन ने बुधवार (19 जून 2024) की रात को इस दरगाह को ध्वस्त किया। इस दौरान भारी संख्या में जामनगर की पुलिस तैनात रही और ध्वस्तीकरण की साइट पर ट्रैफिक को रोक दिया गया। इस कार्रवाई के दौरान नायब मामलतदार और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

ऑपइंडिया ने प्रकाशित की थी विशेष रिपोर्ट

बता दें कि 12 मई 2024 को ऑपइंडिया ने एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में इस अवैध दरगाह के बारे में बताया था। इस रिपोर्ट में लिखा था, जामनगर में प्रसिद्ध रंजीत सागर बाँध के बाद अवैध दरगाह का निर्माण किया गया है। साल 2022 में इस अवैध कब्जे को हटाने का लिखिति आदेश भी जारी किया गया था, लेकिन उसे हटाया नहीं गया था। स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने ऑपइंडिया से बातचीत में कहा था कि इस दरगाह को पहले ही हटाया जाना था, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दिया था, जिसके बाद ऑपइंडिया ने जिला कलेक्टर से लेकर मामलातदार और अन्य अधिकारियों से संपर्क कर कार्रवाई के बारे में सवाल पूछा था। जिसमें ये आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी और अब आखिरकार प्रशासन ने अवैध ढाँचे को नेस्तनाबूद करके हटा दिया है।

जानकारी के मुताबित, ये दरगाह काफी पहले से यहाँ पर है। इसकी देखरेख कासम नाम का व्यक्ति करता है। ये दरगाह बाँध के बिल्कुल करीब बनाया गया था, जो मानसून के समय 4 माह पानी में डूबा रहता है और 8 माह तक दिखता है। सितंबर 2022 में स्थानीय हिंदुओं ने इसे हटाने के लिए याचिका दाखिल की थी। इसके बाद मामलतदार ने सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर कासम हसन उड़िया को नोटिस जारी किया था और लिखित में आदेश दिया था कि अवैध ढाँचे को हटाया जाए। इस आदेश के बावजूद कासम के परिवार ने कोई कदम नहीं उठाया, जिसके बाद प्रशासन ने मानसून आने से ठीक पहले अब पूरे ढाँचे को जमींदोज करते हुए उस जगह को समतल कर दिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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