तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन को सनातन धर्म पर अपमानजनक बयान देने के मामले में जमानत मिल गई है। उन्हें बेंगलुरु के एक कोर्ट ने जमानत दे दी है। उदयनिधि ने एक सभा के दौरान सनातन धर्म की तुलना डेंगू-मलेरिया और HIV-AIDS से की थी और इसे खत्म करने की बात कही थी।
मंगलवार (25 जून, 2024) को बेंगलुरु के एक विशेष कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान उन्हें यह जमानत दी गई है। कोर्ट में इस मामले में सुनवाई के दौरान उदयनिधि निजी रूप से मौजूद थे। इस मामले की सुनवाई विशेष मामलों के जज केएन शिवकुमार ने की। उन्हें ₹50,000 के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है।
उन्हें सुनवाई के बाद तुरंत ₹5000 नकद जमा कराने का आदेश भी न्यायालय ने दिया। इसके बाद उन्हें जमानत दे दी गई। इस मामले में फरवरी, 2024 में एक शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ बेंगलुरु के ही एक कोर्ट ने आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। उनके अलावा और भी कई लोगों को इस मामले में आरोपित बनाया गया था।
गौरतलब है कि सितम्बर, 2023 में न्नई में तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स आर्टिस्ट एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में सनातन की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोनावायरस से की थी और इसे खत्म करने की अपील की थी। उनके इस बयान का देश भर में विरोध हुआ था और कई जगह उनके खिलाफ शिकायतें भी दर्ज करवाई गईं थी।
उदयनिधि के विरुद्ध उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र में FIR दर्ज हैं। वह इन पर कार्रवाई से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गए थे और सभी FIR को एक साथ जोड़ कर मामले की सुनवाई की माँग की थी। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस माँग को मानने से इनकार कर दिया था।
उदयनिधि के मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने कहा था कि उनकी टिप्पणियाँ समाज को बाँटने वाली थी। उदयनिधि के मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने इससे पहले कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।