महाराष्ट्र के पुणे में पोर्श कार से दो लोगों को कुचलकर मारने के आरोपित किशोर ने बुधवार (3 जुलाई 2024) को सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखकर किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश कर दिया। दरअसल, किशोर न्याय बोर्ड ने आरोपित किशोर को जमानत शर्तों के तहत सड़क सुरक्षा विषय पर निबंध लिखकर जमा करने का आदेश दिया था।
बता दें कि 19 मई 2024 को पुणे में एक नामी बिल्डर के किशोर ने अपनी तेज रफ्तार लग्जरी पोर्श कार से एक बाइक को टक्कर मार दी थी। इस बाइक पर सवार एक लड़के और एक लड़की की मौत हो गई थी। दोनों मृतक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। घटना के वक्त आरोपित नशे में था। इस लग्जरी कार को पिता विशाल अग्रवाल ने अपने नाबालिग बेटे को खरीद कर दी थी।
एक अधिकारी ने बताया कि आरोपित किशोर को पिछले महीने पर्यवेक्षण गृह से रिहा कर दिया गया था। जमानत की शर्तों में यह लेख लिखना शामिल था। दरअसल हादसे के बाद से इस नाबालिग आरोपित को किशोर न्याय बोर्ड के पर्यवेक्षण गृह में बंद किया गया था। हालाँकि, हाईकोर्ट ने इसे गलत माना और आरोपित को रिहा करने का आदेश दिया था।
दरअसल, शहर के कल्याणी नगर इलाके में हुए पोर्श कार हादसे के कुछ घंटे बाद ही 17 साल के आरोपित किशोर को जमानत दे दी थी। किशोर न्याय बोर्ड ने आरोपित को सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने को कहा था। इसके बाद लोगों का आक्रोश फूट गया था। लोगों ने इसके लिए बोर्ड की जमकर आलोचना की थी।
दबाव बढ़ता देखकर पुणे पुलिस ने फिर से किशोर न्याय बोर्ड का रुख किया और आदेश में संशोधन की माँग की। इसके बाद बोर्ड ने आरोपित को निगरानी गृह में रखने का आदेश दिया। इसके खिलाफ आरोपित किशोर के परिजन हाईकोर्ट गए। हाईकोर्ट ने आरोपित को रिहा करने का आदेश दिया। इसके बाद पिछले महीने किशोर को रिहा कर दिया गया।
इससे संबंधित मामले में किशोर के पिता और दादा को भी गिरफ्तार किया गया था। दादा को जमानत मिल गई है। दोनों पर अपने परिवार के ड्राइवर का अपहरण कर कैद करने के आरोप हैं। किशोर के पिता और दादा ने ड्राइवर पर दबाव डाला था कि वह कार चलाने की बात कोर्ट में कहे। इसके लिए तोहफे और नकद राशि का लालच दिया। फिर उसे धमकाया गया।