मुस्लिम समुदाय के शिया तबके ने बुधवार (17 जुलाई 2024) को आशूरा या मुहर्रम के महीने का 10वाँ दिन मनाया। इस दिन इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद के नवासे इमाम हुसैन कर्बला में शहीद हो गए थे। उनकी याद में शिया मुस्लिम जुलूस निकालकर दुख प्रकट करते हैं। इस दौरान मुंबई का वीडियो सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि गंभीर रूप से जख्मी एक घोड़े को परेड कराया जा रहा है।
सामने आए वीडियो में दिख रहा है कि शिया मुस्लिम मोहर्रम का जुलूस निकालने के दौरान एक बेजुबान प्राणी का जुलूस निकाल रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि शोक मनाने की रस्म के दौरान घोड़े के शरीर पर गंभीर रूप से चोट के कई निशान हैं। ऐसा लग रहा है जैसे तलवार या चाकू से उसके शरीर को चीरा गया हो। उसके शरीर पर भी खून जैसे रंग दिख रहे हैं।
वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया यूजर इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वे मुस्लिम समुदाय पर चाकू-ब्लेड से मासूम जानवर को घायल करने का आरोप लगा रहे हैं। दरअसल, इस वीडियो को सबसे पहले मुंबई स्थित एक पशु अधिकार समूह ने शेयर किया था। हालाँकि, बाद में इसे हटा लिया और स्पष्टीकरण दिया कि जानवर पर कोई कट के निशान नहीं थे। यह शरीर पर रंग के निशान थे।
We object to the use of any animal during processions. In this case, the Dongri police tell us the horse was painted. This is also highly objectionable, but the horse is not lacerated. PETA India offered a mechanical elephant for a Muharram procession this year but our offer was… https://t.co/4E3WVrVCmz
— Meet Ashar (@asharmeet02) July 18, 2024
@AmyMek नाम के X हैंल ने लिखा, “इस साल, मुंबई की सड़कों पर डरे हुए मुस्लिम एक मासूम घोड़े को लेकर उसे बार-बार चाकू से काटते हैं और खून से लथपथ, घायल जानवर को पैगंबर के पोते की मौत की याद में घुमाते हैं। ये मनोरोगी खुद को काटने और पीटने से थक गए हैं और इसके बजाय उन्होंने एक मासूम जानवर को निशाना बनाने का फैसला किया है। इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है?”
@sneheshphilip नाम के हैंडल ने लिखा, “आज एक बहुत ही परेशान करने वाला वीडियो देखा। अब रिपोर्ट्स के अनुसार यह वीडियो मुंबई में मुहर्रम के जुलूस का है। घोड़े को चाकू से काटा गया और उसे कई चोटों के साथ चलने पर मजबूर किया गया। इंसान कितने क्रूर हो सकते हैं। दयनीय।”
सोशल मीडिया पर वायरल यह वीडियो मुंबई के डोंगरी का है। शिया मुस्लिम शोक मनाने के लिए डोंगरी के पास बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं। वे सड़कों पर बिना चप्पल के काले कपड़े पहनकर परेड करते हैं। इस दौरान चाकू और दूसरी नुकीली चीज़ों से खुद को चोट भी पहुँचाते हैं। उनके शरीर पर चोट और खून के निशान भी दिखते हैं।
इंटरनेट यूज़र्स को लगा कि अगर शिया मुस्लिम शोक प्रकट करने के लिए खुद को नुकसान पहुँचा सकते हैं तो इस घोड़े या अन्य जानवरों को भी चोट पहुँचा सकते हैं। हालाँकि, इस वीडियो में जो दिख रहा है, वह सच नहीं है। दरअसल, शिया मुस्लिम इमाम हुसैन के घोड़े की याद में मुहर्रम के दिन एक घायल घोड़े को परेड कराने की रस्म निभाते हैं।
कहा जाता है कि कर्बला की लड़ाई के दौरान यह घोड़ा गंभीर रूप से घायल हो गया था। यह भी कहा जाता है कि इमाम हुसैन शहीद हो गए थे और उन्हें 10 से अधिक घोड़ों के पैरों तले रौंद दिया गया था। खैर जो भी हो, जिस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया यूजर नाराज हैं, वह असली नहीं है। हकीकत पता चलने पर कई लोगों ने अपने पोस्ट डिलीट कर दिए।