उन्होंने कहा कि 12 वीं सदी के मंदिर की संरचना को कोई खतरा न हो यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएँगे। मरम्मत कार्य के वक्त मंदिर की संरचना और संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि रत्न भंडार के अंदर मरम्मत कार्य शुरू करने से पहले सभी अलमारियों और संदूकों को स्थानंतरित किया जाएगा, लेकिन ये स्थानंतरण किस कमरे में होगा इसका फैसला जगन्नाथ मंदिर प्रशासन लेगा।
बता दें कि रत्न भंडार में चोरी की आशंका जाँच समिति के एक सदस्य ने ही जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि ऐसा लगता है कि मंदिर के ‘रत्न भंडार’ में चोरी के लिए पूर्व में नकली चाबियों का प्रयोग किया गया होगा। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, सरकार जाँच समिति के सदस्य जगदीश मोहंती ने सोमवार को हुई बैठक के बाद कहा था कि कीमती चीजें चोरी करने के लिए पहले नकली चाबियों का इस्तेमाल किया गया होगा। उन्होंने कहा मोहंती ने कहा कि नकली चाबियों के खराब होने के बाद ताले टूटने से यह साबित होता है कि आपराधिक मकसद और कीमती सामानों को चुराने का इरादा था।
29 जुलाई को विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी मोहंती ने इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा था कि समिति सरकार को इस मामले में आपराधिक जाँच शुरू करने की सिफारिश करने के लिए अधिकृत नहीं है। केवल मंदिर प्रशासन हमारी शंका के बारे में सरकार को सूचित कर सकता था। रत्न भंडार में नकली चाबियों से हुई चोरी का इनकार नहीं हो सकता। उन्होंने ये भी बताया था कि 14 जुलाई को जब नकली चाबियाँ काम न करने पर भीतरी कक्ष के ताले तोड़े गए तो वहाँ कुछ बक्से खुले मिले थे। इसके अलावा कक्ष में तीन लकड़ी की अलमारियाँ थीं, एक स्टील की अलमारी थी, दो लकड़ी के बक्से थे और एक लोहे का बक्सा था। रत्न भंडार में मिले इस सामान को लेकर कुछ रिपोर्ट्स में सूत्रों से बताया जा रहा है कि जब गेट खोला गया तो सिर्फ एक लकड़ी की ही अलमारी बंद थी बाकी सब खुले थे।
यूँ तो कहा जाता है कि 1984 के बाद भीतरी रत्न भंडार खोला नहीं गया था, लेकिन 2018 में उड़ीसा हाई कोर्ट ने भंडार को खुलवाने का आदेश दिया, ताकि कमरे की मरम्मत आदि की जा सके और ASI भी सर्वे कर सके, साथ ही पता लग पाए कि कहीं भीतरी भंडार के आभूषणों को रखरखाव या मरम्मत की जरुरत तो नहीं। ASI कमरे को खोलने जा रही थी, तभी पता चला चाभी गायब है और प्रशासन ने दो नकली चाबियाँ बनवाई है। हालाँकि बाद में तब पीएम मोदी द्वारा यह मुद्दा उठाया गया। साथ ही बीजद सरकार पर निशाना भी साधा गया। पीएम मोदी ने उस समय कहा था कि नकली चाबियों की मौजूदगी और भी चिंताजनक है। क्या इसका इस्तेमाल देवताओं के आभूषण हड़पने के लिए हुआ।