कर्नाटक में कॉन्ग्रेस सरकार की वादाखिलाफियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हमला बोल दिया है। दरअसल, कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कॉन्ग्रेस सरकार की योजनाओं की आलोचना करते हुए सुझाव दिया कि वादे उतने ही किए जाएँ, जितने पूरे हो सकें।
खरगे का ये बयान उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के एक बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने कर्नाटक की “शक्ति योजना” की समीक्षा करने का संकेत दिया था। इस योजना के तहत महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा का लाभ दिया जाता है, लेकिन कुछ महिलाओं की ओर से इसके लिए भुगतान करने की इच्छा जताने के बाद इसकी समीक्षा की बात कही गई।
खरगे के बयान को लेकर बीजेपी ने कॉन्ग्रेस पर निशाना साधा। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कॉन्ग्रेस अध्यक्ष का बयान इस बात को साबित करता है कि कॉन्ग्रेस चुनावी वादों के जरिए जनता को मूर्ख बनाती है। प्रसाद ने खरगे के बयान को कॉन्ग्रेस की स्वीकारोक्ति बताया और कहा कि कॉन्ग्रेस ने हमेशा से ही झूठे वादों के बल पर जनता को गुमराह किया है। उन्होंने कॉन्ग्रेस के पुराने “गरीबी हटाओ” नारे का भी उल्लेख करते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस ने 1971 में ये नारा दिया था, लेकिन गरीबी हटाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए।
बीजेपी ने कॉन्ग्रेस पर केवल कर्नाटक ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में भी झूठे वादों के आधार पर वोट लेने का आरोप लगाया। प्रसाद ने कहा कि कॉन्ग्रेस की ऐसी घोषणाओं का असलियत से कोई लेना-देना नहीं होता और ये केवल कागजों पर ही रहती हैं। बीजेपी नेता ने कहा कि कॉन्ग्रेस ने कर्नाटक की जनता को पांच गारंटी का वादा किया था, लेकिन अब “शक्ति योजना” की समीक्षा की बात कहकर एक गारंटी पर पुनर्विचार कर रही है। बीजेपी के मुताबिक, कॉन्ग्रेस को अपने वादों पर कायम रहने की सीख लेनी चाहिए और जनता के सामने माफी माँगनी चाहिए।
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि कॉन्ग्रेस को अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र और झारखंड में भी झूठे वादों से जनता को गुमराह करने से बचना चाहिए। उन्होंने बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा शुरू की गई योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी पार्टी अपने वादों को पूरा करती है। प्रसाद ने लाडली लक्ष्मी योजना, किसान सम्मान निधि, गरीब कल्याण, और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं का उदाहरण दिया और कहा कि ये योजनाएं कॉन्ग्रेस के चुनावी वादों से अलग हैं जो पूरी की जाती हैं।