मध्य प्रदेश के उमरिया में बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों के हमले में हुई मौतों को लेकर CM मोहन यादव सख्त हो गए हैं। उन्होंने मामले में लापरवाही बरतने वाले 2 अफसरों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। दूसरी तरफ वन विभाग ने उस हाथी को पकड़ लिया है, जिसने हमला करके 2 लोगों को मार दिया था। CM मोहन यादव ने राज्य में हाथियों को लेकर स्पेशल टास्क फ़ोर्स (STF) बनाने का आदेश दिया है। वहीं ओडिशा में भी हाथियों की असामान्य मौत के मामले में जाँच के आदेश दिए गए हैं।
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, वन विभाग की एक टीम ने खितौली के जंगल से उस हाथी को रविवार (3 नवम्बर, 2024) शाम को पकड़ लिया जिसने शनिवार (2 नवम्बर) को 2 लोगों को मार दिया था। उसे अब पेड़ से बाँध दिया गया है। हाथी पकड़ने के लिए 100 लोगों की टीम को घंटो मशक्कत करनी पड़ी।
CM मोहन यादव ने भी रविवार को इस मामले में बैठक की। उन्होंने हमले से पहले 10 हाथियों की मौत को लेकर अधिकारियों से प्रश्न पूछे और आदेश दिए। CM मोहन यादव ने इस दौरान बाँधवगढ़ में लापरवाही करने वाले दो अफसरों को सस्पेंड कर दिया।
मध्य प्रदेश में हाथियों की बसाहट और सुरक्षा को देखते हुए CM मोहन यादव ने एक स्पेशल टास्क फ़ोर्स बनाने का आदेश दिया है। CM मोहन यादव ने कहा है कि यह टास्क फ़ोर्स दूसरे राज्यों के अनुभव को अपने काम में शामिल करेगी। इसके अलावा फसलें बचाने का काम करने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने पीड़ित परिवारों के लिए ₹25 लाख के मुआवजे का ऐलान भी किया है।
गौरतलब है कि 29 अक्टूबर, 2024 के बाद से बाँधवगढ़ के इस इलाके में 10 हाथियों की मौत हो गई थी। हाथियों की मौत का कारण कोदों की फसल खाना बताया गया था। इसके बाद ही हाथियों के हमले सामने आए थे। स्थानीय लोगों ने कहा था कि झुंड के बाकी हाथी उन पर ‘बदला’ लेने के लिए हमला कर रहे हैं। इन हमलों में दो की मौत हुई थी जबकि एक घायल था।
ओडिशा में भी एक्शन
हाथियों की मौत के मामले में ओडिशा में भी एक्शन चालू हो गया है। ओडिशा में इस साल 50 हाथियों की मौत असामान्य तरीके से हो चुकी है। अब राज्य के वन मंत्री गणेश राम सिंहखुटिया ने इस मामले में जाँच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एक माह के भीतर इन मौतों के बारे एक रिपोर्ट पेश की जाए।
उन्होंने राज्य वन विभाग के अफसरों को चेताया भी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार हाथियों की सुरक्षा के लिए प्रयास कर रही है उसने इस संबंध में कई कदम उठाए हैं लेकिन वन विभाग को भी अब काम करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी-अधिकारी ऐसा नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।