आगरा में महाशिवरात्रि के अवसर पर साम्प्रदायिक तनाव भड़कने की ख़बर आई है। ‘अमर उजाला’ में प्रकाशित ख़बर के अनुसार, लोहामंडी के मोहल्ला पुरानी गढ़इया में खाली जमीन पर वाल्मीकि बस्ती के लोग भगवान शिव की प्रतिमा स्थापना करना चाहते थे। लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया। बताया जाता है कि प्रतिमा स्थापना की तैयारी काफ़ी दिनों से ज़ोर-शोर से चल रही थी। आज सोमवार (मार्च 4, 2019) को सांप्रदायिक तनाव ने मारपीट का रूप ले लिया, जिसके कारण तीन थानों की पुलिस को घटनास्थल पर कैम्प करना पड़ा।
उक्त खाली ज़मीन किदवई पार्क के पीछे मोहल्ला पुरानी गढइया में स्थित है। यहीं के अखाड़ा मोहल्ले का एक परिवार मूर्ति स्थापना का विरोध कर रहा था। मामले की शुरुआत तब हुई जब चश्मुद्दीन ने इस ज़मीन पर दावा ठोकते हुए कहा कि यह ज़मीन उसकी है और वह प्रतिमा स्थापना नहीं करने देगा। इधर वाल्मीकि बस्ती के कुसुम साहू ने बताया कि उक्त ज़मीन नजूल की है। 300 गज की इस ज़मीन के बारे में चश्मुद्दीन का कहना है कि पूरा मोहल्ला मिल कर इस पर कब्ज़ा करना चाहता है। चश्मुद्दीन ने दावा किया कि ये उसके पुरखों की ज़मीन है और उसके पास इस से जुड़े दस्तावेज भी हैं।
स्थिति तनावपूर्ण होने के बाद थाने को को सूचना दी गई और पुलिस के पहुँचने से पहले वाल्मीकि बस्ती के लोगों ने प्रतिमा की स्थापना कर दी थी। प्रतिमा स्थापना की सूचना मिलते ही चश्मुद्दीन गिरोह के लोगों ने आकर मारपीट शुरू कर दी। इलाक़े में अफरातफरी मचने के बाद पुलिस वहाँ पर पहुँची। उस समय दोनों पक्षों के बीच पथराव हो रहा था। पुलिस के आने पर पथराव करने वाले तो भाग गए लेकिन मारपीट नहीं थमी। पुलिस के सामने भी मारपीट चलती रही।
स्थिति बेक़ाबू होने पर लोहामंडी, जगदीशपुरा और हरीपर्वत- इन तीनों थाने की फोर्स पहुँच गई। इसके बाद जाकर लोगों को वहाँ से हटाया जा सका। अधिकारियों का कहना है कि दोनों पक्षों से दस्तावेज दिखाने को कहा गया है, जिसके बाद झगड़े के कारणों का पता चलेगा। अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अभी इस विवाद की वजह नहीं पता।