Friday, November 22, 2024
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मिजोरम में कांग्रेस की करारी हार, मुख्यमंत्री थानहवला दोनों सीटों से हारे

मिजोरम में कांग्रेस की करारी हार के साथ ही अब उत्तर-पूर्व के आठो राज्यों में राजग की सरकार है जिसे भाजपा के "कांग्रेस मुक्त उत्तर-पूर्व" के नारे से जोड़ कर देखा जा रहा है।

मिजोरम विधानसभा चुनावों के परिणाम आ गए हैं और वहां मिजो नेशनल फ्रंट को स्पष्ट जनादेश मिला है। एमएनएफ ने 40 सीटों वाले मिजोरम विधानसभा में बहुमत के लिए जरूरी 21 सीटों के जादुई आंकड़े को आसानी से पार कर लिया है। चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री जोरामथांगा के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही एमएनएफ ने कुल 26 सीटों पर जीत दर्ज की है। मिजोरम चुनाव परिणाम की सबसे चौंका देने वाली बात यह रही कि निर्वतमान मुख्यमंत्री और कान्ग्रेस नेता लाल थानहवला को दोनों सीटों से हार का सामना करना पडा। पिछले चुनावों में उन्होंने इन्ही दोनों सीटों से जीत दर्ज की थी। वहीं उनकी पार्टी को सिर्फ पांच सीटों से संतोष करना पड़ा।

आपको बता दें कि 9 बार विधायक रहे लाल थानहवला मिजोरम कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं और पिछले दस सालों से मिजोरम के मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में उनका दोनों ही सीटों से हार जाना कांग्रेस के लिए मिजोरम ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर-पूर्व में एक बड़ा झटका माना जा रहा है। ताजा चुनावी परिणामों के बाद अब ये साफ़ हो गया है कि 76 वर्षीय थानहवला कि जगह अब 84 वर्षीय जोरामथांगा राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार सम्भालेंगे। जोरामथांगा 1998 से 2008 के बीच दस सालों के लिए मिजोरम के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी पहली बार मिजोरम में अपना खाता खोला और पार्टी को एक सीट मिली। अन्य के खाते में 8 सीटें गई है। मिजोरम में कांग्रेस की करारी हार को बीजेपी के “कांग्रेस मुक्त उत्तर-पूर्व” के नारे से जोड़ कर भी देखा जा रहा है। एमएनएफ सहित कई दल “नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायन्स” का हिस्सा हैं जो भाजपा नीत राजग का ही एक भाग है लेकिन इस चुनाव में भाजपा और एमएनएफ ने अलग-अलग जाने का फैसला लिया था। ऐसे में अब उत्तर-पूर्व के आठो राज्यों में राजग कि सरकार है।

जीत सुनिश्चित होने के बाद मिजोरम के भावी मुख्यमंत्री पु जोरमथांगा ने कहा कि उनकी सरकार की तीन प्रमुख प्राथमिकतायें होंगी- शराबबंदी, सड़कों की मरम्मत और आर्थिक विकास कार्यक्रम। उन्होंने ये भी कहा कि उनकी पार्टी अकेले ही सरकार बनाएगी लेकिन वो राजग का हिस्सा बने रहेंगे।

वहीं अगर वोट शेयर की बात करें तो एमएनएफ को 37.6% मत प्राप्त हुए तो कांग्रेस की हिस्सेदारी 30.2% रही। बता दें कि 28 नवंबर को राज्य की 73 प्रतिशत जनता ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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