मसूद अजहर को वैश्विक स्तर पर आतंकवादी घोषित किए जाने के बाद देशभर में विपक्ष ने तमाम दलीलें देने की कोशिश की हैं। कॉन्ग्रेस ने तो इस घटना के समय पर भी आपत्ति जता दी है। इसी बीच कॉन्ग्रेस के सोशल मीडिया अधिकारियों द्वारा यह भी दावा किया जा रहा था कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने में मोदी सरकार का कोई योगदान नहीं था बल्कि यह प्रक्रिया UPA के दौरान ही शुरू की गई थी।
वहीं सूत्रों के अनुसार खुलासे में बताया जा रहा है कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने की प्रक्रिया पुलवामा आतंकी हमले के बाद ही शुरू की गईं थीं। मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् द्वारा पुलवामा आतंकी हमले के बाद सख्त रवैया अपनाया गया और तमाम साक्ष्य और सुबूतों के आधार पर ही उन्होंने यह फैसला लिया है।
Sources: Whole process of listing Masood Azhar was initiated after Pulwama attack. Strong statement was issued by UNSC. Pulwama link is very obvious ,its a very factual process based on facts and evidence , have been in a position to provide sufficient evidence
— ANI (@ANI) May 3, 2019
संयुक्त राष्ट्र द्वारा मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में डालने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कॉन्ग्रेस की अगुआई वाली पूर्ववर्ती UPA सरकार के ढुलमुल रवैये पर कई बार कटाक्ष भी किए हैं।
बताया जा रहा है कि अमेरिका मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करने के मुद्दे के तत्काल समाधान पर जोर दे रहा था, इस कारण चीन की अमेरिका से सीधे टकराव की स्थिति बन गई थी। चीन का समर्थन न मिलने की वजह से कई बार संयुक्त राष्ट्र में यह प्रस्ताव ख़ारिज़ हो चुका था। जबकि, फ़्रांस, अमरीका और ब्रिटेन जैसे देश इस प्रस्ताव के पक्ष में थे। सदस्य देशों के आपत्ति दर्ज कराने के लिए तय प्रक्रियागत ‘यथास्थिति की अवधि’ पहली मई को समाप्त हो गई और निर्धारित अवधि में कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराए जाने के कारण सुरक्षा परिषद (UNSC) की प्रतिबंध समिति ने मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में डाल दिया।
यह दुनिया और भारत के लिए एक अच्छी खबर है: फ्रांसीसी राजदूत जिगलर
मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने पर फ्रांसीसी राजदूत अलेक्जेंडर जिगलर का कहना है, “यह दुनिया और भारत के लिए एक अच्छी खबर है। पहली बार दुनिया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य एक आम सहमति पर पहुँचे हैं। हमने यूरोपियन यूनियन कमिशन में भी मसूद अजहर की लिस्टिंग का प्रयास शुरू किया है, यह सफल होने को है।”
French Ambassador to India on UNSC listing #MasoodAzhar as Global Terrorist: We supported it after 2001&in 2016;re-initiated process in 2017.Then after Pulwama,we took initiative.UNSC President initiated process of issuing statement that perpetrator of attack should be sanctioned pic.twitter.com/iFODsLdHBu
— ANI (@ANI) May 3, 2019
अलेक्जेंडर जिलगर ने आगे कहा, “मसूद अजहर पर प्रतिबंध का हमने 2001 और 2016 में समर्थन किया था। 2017 में इस प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया। पुलवामा के बाद भी हमने कदम उठाए। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ने बयान जारी किया कि इस हमले के साजिशकर्ता पर बैन लगना चाहिए।”