हाल ही में पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने चाचा नेहरु मदरसे में साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए मंदिर और मस्जिद का निर्माण करवाया। जिसके बाद सोमवार (जुलाई 15, 2019) को उस मदरसे के प्रांगढ़ में बने मंदिर में पूजा हुई और मुस्लिम बच्चों ने वहाँ नमाज पढ़ी।
#DeshKiBaat | #SalmaAnsari के मदरसे में मंदिर के फैसले का विरोध क्यों?#Aligarh #UttarPradesh @AnilSinghviZEE @narendrataneja @VijayVst0502 @Drrehmani @AchVikrmaditya pic.twitter.com/PAamSHJN1a
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हालाँकि सलमा अंसारी द्वारा उठाए गए इस कदम की हर ओर सराहना हुई लेकिन कुछ इस्लामी धर्मगुरुओं ने इसका खूब विरोध किया है। एक ओर जहाँ अलीगढ़ की पूर्व मेयर ने सलमा के विचार से प्रभावित होकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मंदिर बनाने की माँग की तो वहीं AMU के प्रोफेसर मुफ्ती जाहिद का कहना है कि अगर कोई मुस्लिम है तो उसे सब खुदाओं को इनकार करना पड़ता है और सिर्फ़ अल्लाह से इकरार करना पड़ता है। और बगैर इसे माने कोई मुस्लिम नहीं हो सकता।
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मंदिर बनाने के विरोध में सिर्फ़ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने ही नहीं बल्कि सपा के पूर्व विधायक ज़मीरुल्लाह ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मदरसे में किसी मंदिर की जरूरत नहीं है क्योंकि ऐसा करने पर कई और जगह भी लोग मदरसों में मंदिर बनाने की माँग कर सकते हैं।
सलमा अंसारी के बयान के बाद पूर्व मेयर ने एएमयू के अंदर मंदिर बनाने की मांग उठाई https://t.co/a9zeonxFua pic.twitter.com/ZyCSrVGiee
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हालाँकि सलमा अंसारी ने इन सभी धर्मगुरुओं की टीका-टिप्पणी को नजरअंदाज करते हुए इस मामले पर बोला, “मैं चाहती हूँ कि हिंदुस्तान के निर्माण में सबकी भागीदारी होनी चाहिए। यहाँ मैं केवल अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए चिंतित हूँ। मॉब लिचिंग जैसे अपराध देश के ऊपर धब्बा हैं। मदरसा चलाते हुए इन चीजों को ध्यान रखने की जरूरत है।”
चाचा नेहरू मदरसे में हिन्दू बच्चों के लिए मंदिर बनवा रही सलमा अंसारी का विरोध शुरू pic.twitter.com/MV8ZtddH0s
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