Thursday, March 28, 2024
Homeदेश-समाजसब खुदाओं को इनकार, सिर्फ़ अल्लाह से इकरार, बगैर इसे माने मुस्लिम नहीं: सलमा...

सब खुदाओं को इनकार, सिर्फ़ अल्लाह से इकरार, बगैर इसे माने मुस्लिम नहीं: सलमा अंसारी को दो टूक जवाब

AMU के प्रोफेसर मुफ्ती जाहिद का कहना है कि अगर कोई मुस्लिम है तो उसे सब खुदाओं को इनकार करना पड़ता है और सिर्फ़ अल्लाह से इकरार करना पड़ता है। और बगैर इसे माने कोई मुस्लिम नहीं हो सकता।

हाल ही में पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने चाचा नेहरु मदरसे में साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए मंदिर और मस्जिद का निर्माण करवाया। जिसके बाद सोमवार (जुलाई 15, 2019) को उस मदरसे के प्रांगढ़ में बने मंदिर में पूजा हुई और मुस्लिम बच्चों ने वहाँ नमाज पढ़ी।

हालाँकि सलमा अंसारी द्वारा उठाए गए इस कदम की हर ओर सराहना हुई लेकिन कुछ इस्लामी धर्मगुरुओं ने इसका खूब विरोध किया है। एक ओर जहाँ अलीगढ़ की पूर्व मेयर ने सलमा के विचार से प्रभावित होकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मंदिर बनाने की माँग की तो वहीं AMU के प्रोफेसर मुफ्ती जाहिद का कहना है कि अगर कोई मुस्लिम है तो उसे सब खुदाओं को इनकार करना पड़ता है और सिर्फ़ अल्लाह से इकरार करना पड़ता है। और बगैर इसे माने कोई मुस्लिम नहीं हो सकता।

मंदिर बनाने के विरोध में सिर्फ़ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने ही नहीं बल्कि सपा के पूर्व विधायक ज़मीरुल्लाह ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मदरसे में किसी मंदिर की जरूरत नहीं है क्योंकि ऐसा करने पर कई और जगह भी लोग मदरसों में मंदिर बनाने की माँग कर सकते हैं।

हालाँकि सलमा अंसारी ने इन सभी धर्मगुरुओं की टीका-टिप्पणी को नजरअंदाज करते हुए इस मामले पर बोला, “मैं चाहती हूँ कि हिंदुस्तान के निर्माण में सबकी भागीदारी होनी चाहिए। यहाँ मैं केवल अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए चिंतित हूँ। मॉब लिचिंग जैसे अपराध देश के ऊपर धब्बा हैं। मदरसा चलाते हुए इन चीजों को ध्यान रखने की जरूरत है।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

RSS से जुड़ी सेवा भारती ने कश्मीर में स्थापित किए 1250 स्कूल, देशभक्ति और कश्मीरियत का पढ़ा रहे पाठ: न कोई ड्रॉपआउट, न कोई...

इन स्कूलों में कश्मीरी और उर्दू भाषा में पढ़ाई कराई जा रही है। हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे आतंकवादियों के सहयोगी बनें या पत्थरबाजों के ग्रुप में शामिल हों।

‘डराना-धमकाना कॉन्ग्रेस की संस्कृति’: 600+ वकीलों की चिट्ठी को PM मोदी का समर्थन, CJI से कहा था – दिन में केस लड़ता है ‘गिरोह’,...

"5 दशक पहले ही उन्होंने 'प्रतिबद्ध न्यायपालिका' की बात की थी - वो बेशर्मी से दूसरों से तो प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन खुद राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe