पाकिस्तान में एक सरकारी अस्पताल के स्टाफ की घोर लापरवाही सामने आई है। सिंध प्रांत में एक ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों ने एक नवजात शिशु का सिर काटकर माँ के गर्भ में छोड़ दिया। इस वजह से महिला की जान खतरे में पड़ गई।
खबर मीडिया में आने के बाद जागी सरकार
पीड़ित हिंदू महिला भील है। उसकी उम्र 32 वर्ष है। इस घटना के मीडिया में आने के बाद सिंध सरकार ने जाँच के आदेश दिए हैं। साथ ही मामले की तह तक जाने और दोषियों का पता लगाने के लिए चिकित्सा जाँच बोर्ड का गठन किया है।
अनुभवहीन कर्मचारियों ने कर दी सर्जरी
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक प्रोफेसर राहिल सिकंदर ने बताया है कि पीड़ित हिंदू महिला थारपारकर जिले के एक दूर-दराज के गाँव की रहने वाली है। वह इलाज के लिए अपने क्षेत्र के एक ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र (RHC) गई थी। वहाँ कोई महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं होने के कारण उसकी सर्जरी अनुभवहीन कर्मचारियों ने कर दी, जिसकी वजह से उसकी जान पर बन आई।
मरने जैसी हो गई थी हालात
उन्होंने कहा कि आरएचसी के कर्मचारियों ने रविवार (19 जून 2022) को हुई सर्जरी के दौरान माँ के गर्भ में पल रहे नवजात शिशु का सिर काट दिया और उसके गर्भ में छोड़ दिया। इसके बाद महिला की तबियत बिगड़ती चली गई। जब महिला की मरने जैसी हालात हो गई तो उसे मीठी के नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहाँ भी उसके इलाज के लिए कोई सुविधा नहीं थी। आखिरकार, उसका परिवार नेसे हैदराबाद के लियाकत यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल (LUH) ले आया, जहाँ गर्भ से शिशु का सिर निकाला गया और महिला की जान बच गई।
बच्चे का सिर पेट में फँसा हुआ था
प्रोफेसर राहिल सिकंदर जमशोरो के लियाकत यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज (LUH) की स्त्री रोग इकाई के प्रमुख हैं। उन्होंने इस घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। प्रोफेसर सिकंदर ने बताया कि बच्चे का सिर अंदर फँसा हुआ था और माँ के गर्भाशय की हालत भी खराब हो चुकी थी। इसलिए महिला की जान बचाने के लिए उसका पेट खोलना पड़ा और नवजात के सिर को बाहर निकाला गया।
सिंध स्वास्थ्य सेवा के महानिदेशक डॉ. जुमान बहोतो ने इस मामले में अलग से जाँच का आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जाँच समितियाँ पता लगा लगाएँगी कि क्या हुआ था, खासकर चाचरो के आरएचसी में स्त्री रोग विशेषज्ञ और महिला कर्मचारियों की अनुपस्थिति को लेकर जाँच होगी। मीठी के जिला स्वास्थ्य अधिकारी को 24 घंटे के भीतर जाँच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
पीड़ित महिला का बनाया वीडियो
जुमान ने कहा कि जाँच समितियाँ उन रिपोर्टों पर भी गौर करेंगी, जिसमें महिला स्ट्रेचर पर तड़प रही थी और उसका वीडियो बनाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि अस्पताल के अंदर कुछ मेडिकल कर्मचारियों ने स्त्री रोग वार्ड में तड़पती महिला की तस्वीरें खींची, उसका वीडियो बनाया और फिर कई व्हाट्सएप ग्रुप में उसे शेयर किया गया। जाँच टीम इसकी भी जाँच करेगी, क्योंकि ये अमानवीयता है।