जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जाँच एजेंसी (SIA) ने मौलाना सर्जन बरकती के घर समेत 8 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की है। एसआईए ने यह कार्रवाई अवैध चंदा वसूली तथा संदिग्ध आतंकी गतिविधियों से जुटाए गए 1.5 करोड़ रुपए के मामले में की है।
दरअसल, मौलाना बरकती पर साल 2016 में हुए देश विरोधी प्रदर्शनों को उकसाने का आरोप है। इस प्रदर्शन के बाद उसे जेल भी जाना पड़ा था। इसके बाद से वह स्थानीय स्तर पर लोग उसे पहचानने लगे थे। इस पहचान का फायदा उठाते हुए वह लोगों को इमोशनल ब्लैकमेल कर अपनी जरूरतों के लिए चंदा वसूलता था। इसके अलावा टेरर फंडिंग हासिल करने की भी बात कही जा रही है। एसआईए ने अनंतनाग, कुलगाम, शोपियाँ और श्रीनगर जिलों में छापेमारी की है।
SIA of J&K today launched early morning searches at 8 different places to investigate the tributaries and distributaries of slush funds flowing through the secessionist Maulavi Sarjan Barkati of South Kashmir, ill-famous for mobilising thousands of people onto streets during 2016… https://t.co/uHUH1zAp3T
— ANI (@ANI) March 18, 2023
आरोप है कि लोगों को इमोशनल ब्लैकमेल कर मौलाना बरकती लाखों रुपए की संपत्ति इकट्ठा कर चुका है। शुरुआती जाँच में सामने आया है कि बरकती ने अनंतनाग शहर में अपनी पत्नी के नाम पर 45 लाख रुपए की जमीन खरीदी थी। लेकिन बाद में उसने इस जमीन को 72 लाख रुपए में बेच कर 27 लाख रुपए का मुनाफा कमाया। चंदा वसूली कर उसने महल की तरह दिखने वाला एक बड़ा घर भी बनाया है। इसके अलावा, परिवार वालों के नाम पर कई FDR कराने की बात भी सामने आई है।
यही नहीं, बरकती ने मदरसा स्थापित करने के लिए करीब 30 हजार वर्ग फ़ीट जमीन खरीदी है। रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि वह इस जमीन का उपयोग आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने तथा युवाओं को आतंक की ओर ले जाने के लिए कर रहा था। इसके अलावा वह लोगों से वसूले गए पैसों का आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए भी कर रहा था। साथ ही उसे कई संदिग्ध स्रोतों से फंडिंग भी मिल रही थी। कुल मिलाकर उसने 1.5 करोड़ रुपए की कमाई की है।
बता दें कि मौलाना सर्जन बरकती दक्षिण कश्मीर के शोपियाँ जिले के जेनपोरा का रहने वाला है। वह प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी तथा कट्टरपंथी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़ा हुआ था। साल 2016 में आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद दक्षिण कश्मीर में खासतौर से शोपियाँ, कुलगाम और पुलवामा के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसक घटनाओं और देश विरोधी प्रदर्शनों में बरकती का बड़ा हाथ माना जाता है।