गुजरात के अहमदाबाद में वाल्मीकि समाज के लोग पलायन को मजबूर हो गए हैं। समाज के लोगों का आरोप है कि स्थानीय मुस्लिमों ने इलाके में उत्पात मचा रखा है। वे आए दिन लड़के व लड़कियों को छेड़ते हैं और विरोध करने पर मारपीट और गाली गलौज पर उतर आते हैं। पिछले दिनों ही विरमगाम के पास स्थित मांडल में वाल्मीकि समाज के 2 युवकों पर मुस्लिम नौजवानों ने जानलेवा हमला कर दिया था। वाल्मीकि समाज के लोगों ने जान का खतरा बताते हुए स्थानीय तालुका विकास पदाधिकारी (TDO) को पत्र लिखकर पलायन की इजाजत माँगी है।
2 मई 2023 को मांडल में वाल्मीकि समुदाय के लड़के से भद्दे मजाक का विरोध करने पर समीर, सलीम और एक नाबालिग ने वाल्मीकि समाज के युवकों की पिटाई कर दी थी। पिटाई के दौरान एक युवक के सिर में गंभीर चोट आई जबकि दूसरे का हाथ टूट गया। मामले में पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना सामने आने के बाद स्थानीय हिंदू समाज के लोग दोषियों को सख्त सजा देने की माँग कर रहे हैं।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपित मुस्लिम नौजवानों को अदालत में पेश किया। अदालत ने मामले में नाबालिग आरोपित को जमानत दे दी। वहीं पीड़ित पक्ष ने कोर्ट में समीर और सलीम की जमानत पर आपत्ति जताई। आरोप है कि इसके बाद से ही मुस्लिमों द्वारा वाल्मीकि समुदाय के लोगों को धमकियाँ दी जा रही हैं। टीडीओ को लिखे पत्र में बताया गया है कि वाल्मीकि समाज की बस्ती के सामने मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अवैध रूप से दुकानें खड़ी कर ली हैं। इन दुकानों में चोरी का सामान बेचा जाता है।
पत्र में आगे लिखा गया है कि स्थानीय मुस्लिम वाल्मीकि समाज के लोगों से उलझने की कोशिश करते रहते हैं। मौका मिलते ही वे लोग लड़ाई पर उतर आते हैं। उनके मुस्लिमों के अत्याचार से बस्ती के वाल्मीकि समाज के लोगों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। मुस्लिमों द्वारा शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना से बचने के लिए उन्हें सामूहिक पलायन के लिए विवश होना पड़ेगा।
गाड़ी से ठोकर मारकर हत्या की धमकी
मामले में और जानकारी हासिल करने के लिए ऑपइंडिया ने वाल्मीकि समाज के लोगों से संपर्क किया। स्थानीय भाविन सिरेसिया ने जानकारी दी कि पिछले दिनों हुए मारपीट की घटना के बाद मुस्लिमों द्वारा पीड़ितों पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। पीड़ित युवकों में से एक राहुल सिरोसिया ने बताया कि केस वापस न लेने पर हर दूसरे दिन अलग-अलग लोगों को भेजकर जान से मारने की धमकी दी जाती है।
पीड़ित परिवार के लोगों को रास्ते पर कार से टक्कर मार कर हत्या की धमकी मिल रही है। धमकियाँ मिलने के बाद परिवार के लोग भयभीत हैं और घर से नहीं निकल रहे हैं। लिहाजा समाज के लोग टीडीओ से पलायन की अनुमति माँग रहे हैं। टीडीओ को भेजे गए पत्र की कॉपी ऑपइंडिया के पास भी उपलब्ध है।
क्या है पूरा मामला?
2 मई की शाम करीब 6 बजे वाल्मीकि समाज का एक 10 वर्षीय बालक बस्ती की गेट के सामने की एक दुकान पर गया। दुकान पर मौजूद मुस्लिम युवकों ने लड़के का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। इसमें सलीम, समीर और महबूब भाई नाम के शख्स का नाबालिग बेटा शामिल था। पास ही खड़े दलित समुदाय के दो युवकों ने मजाक उड़ा रहे नौजवानों से बच्चे को परेशान न करने की बात कही। इसे लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई और जमकर मारपीट हुई।
सलीम, समीर और नाबालिग लड़के ने वाल्मीकि समाज के दोनों युवकों को जातिसूचक शब्द कहकर पीटना शुरू कर दिया। तीनों ने पत्थर और लकड़ी के हथियारों से दोनों युवकों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। इसके बाद भीड़ का फायदा उठाकर तीनों धमकी देते हुए फरार हो गए। पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। एफआईआर की कॉपी ऑपइंडिया के पास भी उपलब्ध है। मामले की जाँच जारी है।