मॉनसून 2023 में पूरे उत्तर भारत में भारी बारिश हो रही है और देश के कई बड़े-बड़े शहरों की भी हालत खराब हो गई है। दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश बारिश से बेहाल हैं। इससे जगह-जगह पानी लगने की घटनाएँ सामने आई हैं। बाढ़, इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान, पेड़ों का उखड़ना और सड़कों पर गुफानुमा गड्ढे बन जाना – ये सब समस्याएँ देखने को मिल रही हैं। कई शहरी इलाकों में अच्छे-अच्छे पिच रोडों पर भी ऐसे ही हालात हैं।
Traffic Alert
— Delhi Traffic Police (@dtptraffic) July 9, 2023
Traffic is affected on Najafgarh road in the carriageway from Zakhira towards Moti Nagar due to road cave-in and leakage in water pipeline near Jaguar showroom. Kindly avoid the stretch. pic.twitter.com/V0yYmHqrcc
कई ऐसे शहर हैं जहाँ सड़कों पर ही गुफानुमा गड्ढे बन गए, यहाँ तक कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी। दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कम से कम 3 ऐसे मामले आ चुके हैं। 9 जुलाई को दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने नजफगढ़ रोड पर बने ऐसे ही एक गड्ढे को लेकर लोगों को सावधान किया। पानी की पाइपलाइन लीक होने की वजह से मोती नगर की तरफ जाने वाले रास्ते में ये हालत बन गए थे। इसी तरह, इंडिया गेट के पास शेरशाह रोड मोड़ पर ऐसा ही बड़ा सा गड्ढा देखने को मिला।
Traffic Alert
— Delhi Traffic Police (@dtptraffic) July 11, 2023
Traffic is affected on C- Hexagon India gate due to road cave-in near Shershah road cut. Commuters are advised to plan their journey accordingly. pic.twitter.com/fIVs9E8YrQ
तीसरी घटना रोहिणी के सेक्टर 24 से सामने आई। भारी बारिश के कारण ऐसा गड्ढा बन गया जो एक बड़े स्विमिंग पूल जैसा लग रहा था। इसका आकार ऐसा था जैसे बड़े-बड़े कार भी इसके भीतर समा जाएँ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन घटनाओं पर जाँच के आदेश भी दिए हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बलरामपुर हॉस्पिटल के पास इसी तरह का गड्ढा देखा गया। इसी तरह मुंबई के चेम्बूर में ऐसे ही एक गड्ढे में कार गिर गई।
Massive road cave-in at Rohini sector 24 pic.twitter.com/d1fy4ypHWX
— Vishal (@circusmaxima) July 9, 2023
असल में ये गड्ढे बनते कैसे हैं? इन्हें अंग्रेजो में ‘Road Cave-In’ या फिर ‘Sinkhole’ कहा जाता है। अधिकतर जगह पर ऐसी घटनाएँ 2 प्रमुख कारणों से होती हैं। सड़क के नीचे रोड के सपोर्ट के लिए एक सब-स्ट्रक्चर बनाया जाता है। अगर उसमें खराबी आ जाती है तो सड़क में इस्तेमाल किए गए कंक्रीट और मिट्टी गिरने लगते हैं, जिससे ये गड्ढे बन जाते हैं। मतलब, वो स्ट्रक्चर सड़क का भारत वहन करने की क्षमता खो देता है। अगर मिट्टी ठीक से नहीं बैठी हुई है तो वो धीरे-धीरे नीचे जाने लगती है।
As a result of #HeavyRain overnight, a road near #Balrampur Hospital in #Lucknow suffered a cave-in incident.#roadcave #heavyrains pic.twitter.com/W02cfDENcn
— IndiaObservers (@IndiaObservers) July 4, 2023
अगर नीचे कोई माइनिंग का काम कभी हुआ हो, तो वो गुफा जैसे स्ट्रक्चर रह जाते हैं। अगर स्ट्रक्चर बहुत पुराना हो गया हो तो वो वाहनों के आवागमन को झेल नहीं पाता। निर्माण कार्य में गड़बड़ी, खुदाई जैसी गतिविधियाँ और भारी मशीनों से तेज वाइब्रेशन – इन कारणों से भी जमीन की स्थिरता पर दुष्प्रभाव पड़ता है। कभी-कभी प्राकृतिक कारणों से भी ऐसा होता है। सड़क के नीचे अगर पानी जमा हो जाए तो इससे भी जमीन कमजोर पड़ जाती है। ड्रेनेज सिस्टम की गड़बड़ी या जल-जमाव से भी ऐसा होता है।
VIDEO | A car fell into a crater after a road caved in at Chembur, Mumbai. pic.twitter.com/C6LY6rz9MW
— Press Trust of India (@PTI_News) July 5, 2023
जब मिट्टी तर-बतर होती है तो उसमें पानी की बूँदे घुसने लगती हैं और बाद में यही पानी ऊपर की तरफ दबाव लगाता है। इससे मिट्टी कमजोर होती है। सड़क बनाने के समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो इससे बचा जा सकता है। जैसे, सब-स्ट्रक्चर की मजबूती पर विशेष ध्यान देना। समय-समय पर ड्रेनेज या पानी के लीक होने की जाँच होनी चाहिए। बारिश के पानी का जमाव नहीं होना चाहिए। लाइमस्टोन जैसे पत्थरों को वहाँ से हटा दिया जाना चाहिए।