Sunday, November 17, 2024
29 कुल लेख

Devesh Khandelwal

Devesh Khandelwal is an alumnus of Indian Institute of Mass Communication. He has worked with various think-tanks such as Dr. Syama Prasad Mookerjee Research Foundation, Research & Development Foundation for Integral Humanism and Jammu-Kashmir Study Centre.

जब महात्मा गाँधी जेल में थे और वीर सावरकर ने रिहाई की माँग की थी… वो इतिहास जो छिपा लिया जाता है

जब वीर सावरकर के भाई गणेश का निधन हुआ, तो शोक संवेदनाओं वाले पत्रों में से एक महात्मा गाँधी का भी था... और यह पहला या आखिरी पत्र नहीं था।

जनसंख्या नीति की जरूरत क्यों? मुस्लिम बहुल जिलों से समझिए समस्या को, खतरे में है लड़कियों का जीवन

प्रश्न सिर्फ मुस्लिम आबादी का नहीं है बल्कि लड़कियों के विवाह को लेकर है। साल 2019-20 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार..

कॉन्ग्रेस की समिति, स्वतंत्रता आंदोलन पर किताब, नेहरू की प्रस्तावना और सावरकर के नाम के आगे ‘वीर’: इतिहास का एक पन्ना यह भी

यह दुर्भाग्य ही है कि कॉन्ग्रेस का एक अध्यक्ष सावरकर को सम्मान दे रहा था तो आज की कॉन्ग्रेस अपने ही इतिहास को भूल गई है।

अजीबोगरीब कल्पनाओं वाली नेहरू की विदेश नीति: मुस्लिम राष्ट्रों ने ठुकराया, इजरायल को भारत से कर दिया था दूर

इसे दुर्भाग्य के अलावा क्या ही कहा जाएगा कि एक लोकतान्त्रिक संप्रभु देश की विदेश नीति को तुष्टिकरण के द्वारा तय किया जाता था।

भीमा-कोरेगाँव: एक युद्ध जिसे इतिहासकारों ने जबरन जीत में बदल डाला

महारों की मराठाओं से कोई निजी दुश्मनी नहीं थी। यह लड़ाई कंपनी और मराठा सेना के बीच में लड़ी गई थी, जिसमें महारों ने कंपनी का साथ दिया।

कृषि सुधारों का UPA से NDA तक का सफर: जहाँ बीजेपी लगातार कर रही पहल वहीं कॉन्ग्रेस ने पूरे 10 साल बयानबाजी में बिताए

इन कानूनों का धरातल पर उतरने के बाद ही उनका विश्लेषण किया जा सकता है। उससे पहले, केंद्र और राज्यों के संबंधों को कमजोर करना अथवा संसद द्वारा पारित कानूनों को फाड़ना कोई लोकतांत्रिक अधिकार नही बल्कि अराजकता है।

‘संयुक्त राष्ट्र का काम प्रोपेगेन्डा फैलाना, ‘फ्रीडम फाइटर्स’ कहता है आतंकियों को’ – आखिर UN अब कितना विश्वसनीय?

“संयुक्त राष्ट्र को छोड़कर ऐसी कोई संस्था नहीं है, जोकि आतंकवाद को इस हद तक मान्यता देती हो!” - आतंकियों को फ्रीडम फाइटर्स कहने वाला UN अब...

सितंबर 1957 से अक्टूबर 1962 तक PM नेहरू की विदेश नीति… और चीन के कब्जे में चला गया 37544 वर्ग km

...आखिरकार सितंबर 1962 में PM नेहरू को जानकारी मिली कि लद्दाख की गलवान नदी तक के इलाके में चीनी सेना कब्जा जमा चुकी है। लेकिन...