द वायर के माध्यम से सुनीता विश्वनाथ द्वारा प्रस्तुत उदाहरण न केवल त्रुटिपूर्ण है, बल्कि भ्रामक भी है, क्योंकि इसमें हिंदुओं से एक आतंकवादी संगठन पर हमले की तुलना पांडवों और भगवान कृष्ण के कष्टों से करते हुए उसे समर्थन देने के लिए कहा गया है।
अमेरिकी राजनयिकों और भारतीय विपक्षी नेताओं के बीच हाल ही में हुई बैठकों को लेकर विशेषज्ञ इस बात की चिंता जता रहे हैं कि अमेरिका भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश कर रहा है और यह आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
अशोका यूनिवर्सिटी में आयोजित दीक्षांत समारोह में फिलिस्तीन के समर्थन में तख्तियाँ दिखाई गईं। इससे पहले इस संस्थान में हिन्दू विरोधी नारे भी लग चुके हैं।