Tuesday, June 10, 2025
Homeराजनीतिनेहरू ने लगाया था अंबेडकर पर अंग्रेज के साथ मिल 'गद्दारी' करने का आरोप:...

नेहरू ने लगाया था अंबेडकर पर अंग्रेज के साथ मिल ‘गद्दारी’ करने का आरोप: 1946 का पत्र आया सामने, कॉन्ग्रेस के ढोंग की खुली पोल

भाजपा नेता अमित मालवीय ने लिखा, " ये सोच से भी परे है कि नेहरू ने अमृत कौर को लिखे पत्र में बाबा साहेब को गद्दार कहा और उनपर ब्रिटिशों के साथ गठजोड़ करने का आरोप लगाया…।"

पिछले कुछ दिनों से कॉन्ग्रेस अपना प्रेम बाबा साहेब अंबेडकर के प्रति दिखाने की हर संभव कोशिश कर रही है और ऐसा जता रही है कि उनके अतिरिक्त कोई बाबा साहेब को सम्मान नहीं देता…।

वो गृहमंत्री अमित शाह की आधी-अधूरी क्लिप को साझा करके अपना प्रोपगेंडा फैला रहे थे लेकिन इसी बीच जवाहर लाल नेहरू का एक पत्र सामने आया जो बताता है कि कॉन्ग्रेस शुरुआती समय से बाबा साहेब के लिए कैसी विचार रखती थी।

ये पत्र जवाहरलाल नेहरू ने 20 जनवरी 1946 को अमृत कौर के नाम लिखा था। इसे वैसे तो nehruselectedworks.com पर पढ़ा जा सकता है लेकिन आज इसका स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर भी वायरल है।

इस पत्र में जवाहर लाल नेहरू ने बाबा साहेब के बारे में बात करते हुए कहा था “…मुझसे पूछा गया कि आखिर कॉन्ग्रेस क्यों अंबेडकर के पास नहीं जाती और उनसे सुलह कर लेती। मैंने उनसे कहा कि कॉन्ग्रेस ऐसा कुछ नहीं करने वाली। अंबेडकर ने लगातार कॉन्ग्रेस और कॉन्ग्रेस नेताओं का अपमान किया है। जब तक वह माफी नहीं माँगते तब तक कॉन्ग्रेस का उनसे लेना-देना नहीं है। मैंने निश्चित तौर पर ये नहीं कहा कि अनुसूतिच जाति के लोगों को पूना पैक्ट के तहत राजनैतिक लाभ नहीं मिलेंगे। लेकिन मेरा पूरा जोर इस बात पर था कि अंबेडकर ने ब्रिटिश सरकार के साथ गठजोड़ किया था और कॉन्ग्रेस के खिलाफ थे। हम उनसे डील नहीं कर सकते।”

इसी पत्र के अंश को हाईलाइट करके अब सोशल मीडिया पर कॉन्ग्रेस से सवाल हो रहे हैं। भाजपा नेता अमित मालवीय ने लिखा, ” ये सोच से भी परे है कि नेहरू ने अमृत कौर को लिखे पत्र में बाबा साहेब को ‘गद्दार’ कहा और उनपर ब्रिटिशों के साथ गठजोड़ करने का आरोप लगाया… संविधान के रचयिता बाबा साहेब और दलित समुदाय की इससे बड़ी बेइज्जती नहीं हो सकती।”

अमिताभ चौधरी लिखते हैं, “1946 में अमृत कौर को लिखे गए पत्र में नेहरू ने अंबेडकर को ‘गद्दार’ कहा था और उनपर ब्रिटिशों के साथ गठजोड़ करने का आरोप लगाया था। आज उन्हीं का खून राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस के लोग वीर सावरकर को भी ब्रिटिश एजेंट बोलते हैं।”

इस पत्र के साथ सोशल मीडिया पर लोग ये सवाल भी कर रहे हैं कि कॉन्ग्रेस आज जितना प्यार बाबा साहेब के लिए दिखा रही है, तो उन्हें ये भी बताना चाहिए कि क्या बाबा साहेब ने नेहरू के रवैये से तंग आकर 1951 में कानून मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया था? क्या जब बाबा साहेब देश के पहले कानून मंत्री बने थे उस समय उन्हें रक्षा संबंधी, विदेश संबंधी और वित्त संबंधी हर प्रमुख निर्णय लेने में शामिल करने की बजाय, किनारे नहीं किया गया था? क्या नेहरू ने उनपर ब्रिटिशों के साथ गठबंधन करने का आरोप लगाकर गद्दार नहीं कहा गया था?

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बिहार के सरकारी स्कूल में 4 महीने से चल रहा था फर्जी थाना, 300 लोगों से बहाली के नाम पर नकली थानेदार ने ठग...

बिहार के पूर्णिया में एक ठग ने खुद को थानेदार बताकर कई लोगों को होमगार्ड में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी की है।

चीन की जिस लैब से निकला कोरोना, वहीं की रिसर्चर अमेरिका लेकर पहुँची पैरासाइट… FBI ने किया गिरफ्तार: मिले राउंडवर्म से भरे पैकेट, पहले...

अमेरिका में जैविक सामग्री की तस्करी करते तीसरा चीनी शोधकर्ता हान को गिरफ्तार किया गया है। उसने पैकेट को लेकर पुलिस को गलत जानकारी दी थी।
- विज्ञापन -