वो लोग जिनके रक्त का गारा बना कर जोड़ी गई बाबरी की ईंटें, 80000 सैनिकों के साथ बलिदान हुए थे भीटी नरेश महताब सिंह: 2 फकीरों ने की थी मुखबिरी
राम मंदिर बचाने के लिए 80 हजार सैनिकों सहित राजा महताब सिंह बलिदन हो गए और उनके खून से बाबर के कमांडर मीर बाकी ने चिनवाई थी बाबरी की दीवाल।