गुजरात में मकरसंक्रांति पर पटाखे क्यों? विवादित बाबरी ढाँचे और वाजपेयी-आडवाणी के कनेक्शन से कैसे हुई इसकी शुरुआत?
पूरे गुजरात में मकरसंक्रांति की संध्या को पटाखे फोड़े जाते हैं। दो पल को ऐसा लगता है कि समग्र गुजरात में दीवाली वापस आ गई है।
पूरे गुजरात में मकरसंक्रांति की संध्या को पटाखे फोड़े जाते हैं। दो पल को ऐसा लगता है कि समग्र गुजरात में दीवाली वापस आ गई है।
“अपने महिमावान अतीत को मत भूलो। स्मरण करो... हम कौन हैं? किन महान पूर्वजों का रक्त हमारी नसों में प्रवाहित हो रहा है?” - स्वामी विवेकानंद
आज 26 दिसंबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के बाद से यह दिन वीर बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन समर्पित है गुरु गोविंद सिंह…
मई 1949 में पंडित नेहरू जम्मू कश्मीर चले गए और शेख अब्दुल्ला के साथ कई सारे समझौते किए। इसकी भनक तक सरदार पटेल को नहीं लगी।
जिसके बारे में हमें पढ़ाया गया ‘सूफी संत’, उस मोइनुद्दीन चिश्ती ने पृथ्वीराज को जिंदा पकड़ लिया और उसे 'इस्लाम की सेना' को सौंप दिया।
जवाहरलाल नेहरू महिला मित्र को पत्र में फ़ौज द्वारा 400 हिन्दुओं की हत्या पर ख़ुशी जताते हैं। महात्मा गाँधी बिहारी हिन्दुओं को 'पापी' और 'कुकर्मी' कहते हैं। इस बौखलाहट का…
सूर्यवंशी गजपति वंश के राजा कपिलेंद्र देव एक शक्तिशाली और दूरदर्शी शासक थे, जिन्होंने बहमनी साम्राज्य पर कब्जा कर लिया था।
“विद्रोह को क्रांति नहीं कहा जा सकता यद्यपि यह हो सकता है कि विद्रोह का अंतिम परिणाम क्रांति हो।” - भगत सिंह ने लिखा-समझाया था।
“ऐसे विद्वान राष्ट्र में मिशनरी भेजना मूर्खता। वहाँ से तो हमारे देश में धर्मप्रचारक भेजे जाने चाहिए।” - स्वामी विवेकानन्द पर एक टिप्पणी।
नरसिंहदेव द्वारा बनवाया गया कोणार्क का सूर्य मंदिर, साम्ब से जुड़ी सूर्य उपासना की कथा और मंदिर में लगे पहियों का जानिए महत्व। यूँ ही नहीं बना G20 की शान।