भारत की बात

धनतेरस पर ‘लोहा लेने’ की तैयारी कीजिए, सोना तो आता ही रहेगा

अपनी दरिद्रता की स्थिति में भी याचक को निराश न करना पड़े, इसलिए घर में मौजूद एकमात्र खाने योग्य वस्तु का दान करते ब्राह्मणी को देख उनके मुख से देवी…

ख़ुदा से जन्नत के बदले हिंदुओं जैसा पुनर्जन्म माँगूँगा: ‘काकोरी कांड’ के नायक अमर शहीद अशफाकुल्ला ख़ान

ख़ान और बिस्मिल की दोस्ती की आज भी कसम खाई जाती है। दोनों ही कविताओं के शौक़ीन थे और दोनों के ही मन में भारत को आज़ाद कराने का जज्बा…

जब स्वामी श्रद्धानंद के हत्यारे को बचाने के लिए गाँधी बोले- अब्दुल भाई को छोड़ दो

22 दिसंबर 1926 को स्वामीजी पुरानी दिल्ली के अपने मकान में आराम कर रहे थे। अब्दुल रशीद नाम का एक व्यक्ति उनके कमरे में दाखिल हुआ। स्वामीजी के सेवक को…

राम मंदिर: हक हिन्दुओं का होना चाहिए, ‘सेक्युलरासुर’ सरकार का नहीं

सत्ता के परिवर्तन और समय के चक्र से कभी-न-कभी कॉन्ग्रेस, माकपा, हिन्दू कारसेवकों पर गोली चलवाने वाले 'मुल्ला मुलायम' की सपा जैसे लोग वापिस आ ही जाएँगे। उस समय अगर…

‘अंग्रेज तो इसे राम का जन्मस्थान मान चुके थे, रिकॉर्ड में घपला कर जोड़ा बाबरी मस्जिद’

भारतीय इतिहास लेखन के “Big Four” रोमिला थापर, इरफ़ान हबीब, आरएस शर्मा और डीएन झा ने इस मामले में प्रपंच रचा। डॉ. जैन ने बताया कि इन्हें पता था कि…

जब कलाम को बुद्धिजीवियों द्वारा ‘सिर्फ नाम का मुस्लिम’ कहा गया, वजह वही ‘लिबरल’ ढोंग

हिन्दुओं की सभ्यता और उनकी जीवन शैली को सराहने के लिए डॉ कलाम ता-उम्र इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे।

अंग्रेज तो इसे जन्मस्थान मान चुके थे, रिकॉर्ड में घपला कर जुड़ा ‘बाबरी मस्जिद’: ऑपइंडिया से इतिहासविद् मीनाक्षी जैन की बातचीत

आखिर अंग्रेज़ों के दस्तावेजों में चोरी-छिपे 'बाबरी मस्जिद' किसने जोड़ा? खुदाई में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि न केवल मस्जिद मंदिर तोड़कर बनी, बल्कि यह स्थल मस्जिद के…

गोरक्षा के लिए जान भी जाए तो ठीक: जानिए गाँधी क्यों करते थे मुस्लिमों के पैर पर गिरने की बात?

महात्मा गाँधी का मांनना था कि मुस्लिमों को गोहत्या से वंचित करने का अर्थ है उनसे जबरन हिन्दू धर्म कबूल करवाना। राष्ट्रपिता के अनुसार, अगर मुस्लिम बात नहीं मानते हैं…

न लाल, न भगवा: भगत सिंह किसी की ‘बपौती’ नहीं

यह प्रश्नवाचक चिह्न रह जाता है कि भगत सिंह का नव-जागृत हिन्दू धर्म के साथ कैसा रिश्ता होता। शायद वे तब भी नास्तिक रहते, लेकिन ऐसा भी हो सकता है…

पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए आई हूँ: रूसी महिलाओं ने गया में किया पिंडदान

रूसी महिलाओं ने अपने पूर्वजों के मोक्ष के लिए सभी अनुष्ठान किए और सनातन धर्म के अनुसार फल्गु नदी में 'पिंड दान' किया। रूसी महिलाओं ने दान की सभी रस्में…