भारत की बात

वेलेंटाइन डे स्पेशल: ‘राजुला-मालूशाही’ की कहानी जो बन गया प्यार के लिए संन्यासी

राजुला का पत्र पढ़कर मालूशाही शोक में डूब गया, राजुला के विवाह की ख़बर ने मानो उसे निर्जीव कर दिया। मालूशाही की आँखें सूख गई, उसका अन्न-जल त्याग हुआ, लेकिन…

ट्रेन पर मिथिला पेंटिंग देख चमत्कृत हुए जापान और कनाडा, कहा ‘हमें भी चाहिए’

जापान और कनाडा भारतीय ट्रेनों पर मिथिला पेंटिंग की झलकियाँ देख कर इतने अभिभूत हुए कि उन्होंने अपने ट्रेनों पर भी इसे उकेरने का निर्णय लिया है। जल्द ही भारत…

ग्राउंड रिपोर्ट #3: दिल्ली की बीमार यमुना कैसे और क्यों प्रयागराज में दिखने लगी साफ?

सरकारी बयान के बाद मैंने कुंभ को एक पत्रकार के नजरिए से देखना शुरू कर दिया। मैं देखना चाहता था कि क्या वाकई में कुंभ में पहुँचने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं…

फोटो फ़ीचर: मौनी अमावस्या पर संगम का नज़ारा अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय

ऐसे नज़ारे इतिहास ने पहले शायद ही कहीं देखा हो। सोशल मीडिया पर आज पूरे दिन इन तस्वीरों ने लोगों को अभिभूत किया।

माघी अमावस्या पर मौन साधना का महत्व, कुम्भ का दूसरा शाही स्नान

आप प्रयागराज कुम्भ में हैं तो बहुत अच्छा, नहीं तो कहीं भी गंगा स्नान कर इस दिन के माहात्म्य का स्वतः अनुभव करें। हो सके तो मौन रहें और ख़ुद…

एक वीर और भी था… गाँधीजी के साथ जिनकी पुण्यतिथि हर वर्ष मनाई जानी चाहिए

उनका एक हाथ जा चुका था। एक ही आँख से देख पाते थे, दूसरी युद्ध की बलि चढ़ गई थी। एक ही पाँव से ठीक से चल पाते थे, दूसरा…

क्या गाँधी की हत्या को रोका जा सकता था? कौन से लूपहोल्स थे? क्यों हो गए थे अपने ही लोग लापरवाह?

26 जनवरी 1948 की रात को थाने स्टेशन पर नाथूराम, आप्टे और करकरे मिले, जहाँ गोडसे ने पाहवा द्वारा उनके नाम उजागर कर देने की बात भी कही। उसके विचार…

के के मुहम्मद को पद्मश्री: अयोध्या के गुनहगारों के मुँह पर ज़ोरदार तमाचा

विवादित ढाँचा गिराए जाने से पूर्व ऐसे एक-दो नहीं बल्कि 14 स्तंभों को के के मुहम्मद की टीम ने प्रत्यक्ष देखा था। उसी प्रकार के स्तंभ और उसके नीचे के…

अस्त होती सभ्यता का सूर्य हैं सरस्वती पुत्र ‘पद्मश्री’ प्रीतम भरतवाण

देवताओं की इस धरती पर यदि सबसे पहले किसी को नमन किया जाना चाहिए तो वह यह ‘दास समुदाय' है जिन्हे स्थानीय भाषा में ‘औजी’ कहा जाता है, जिनके आवाह्न…

26 जनवरी स्पेशल: भारतीय शहीदों की याद में हमेशा प्रज्वलित रहे ‘अमर जवान ज्योति’ की लौ

नई दिल्ली के इंडिया गेट पर 24 घंटे और सातों दिन लगातार प्रज्वलित लौ ‘अमर जवान ज्योति’ सैनिको के साहस, शौर्य और बलिदान को सलाम करती है।