भारत की बात

दिव्य काशी की भव्यता बढ़ाने का एक अनूठा प्रयास विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर

2014 के लोकसभा चुनाव में, भाजपा ने अपने घोषणापत्र में इस प्राचीन शहर के कायाकल्प का वादा किया था। तब से, पीएम मोदी ने शहर में 19 बार वहाँ चल…

200 साल बाद पहला कुम्भ मेला, जिसमें नहीं हुई भगदड़ से एक भी मौत

इतने विशाल जनसैलाब का सफलतापूर्वक प्रबंधन करना अपने आप में एक बड़ी चुनौती मानी जाती थी। लेकिन मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने यह साबित कर दिखाया…

महाभारत-कालीन शिव मंदिर जो मृत को भी देता है जीवन: #महाशिवरात्रि पर उत्तराखंड से Exclusive रिपोर्टिंग

पांडवों के अज्ञातवास काल में युधिष्ठिर ने लाखामंडल स्थित लाक्षेश्वर मंदिर के प्रांगण में जिस शिवलिंग की स्थापना की थी, वह आज भी विद्यमान है। इसी लिंग के सामने दो…

त्रयम्बक, नटराज, आदियोगी… शिव के कई नाम, विश्व की सबसे बड़ी प्रयोगशाला जिन्हें करती है सलाम!

CERN - स्विटजरलैंड में स्थित नाभिकीय प्रयोगशाला। यह धरती पर भौतिकी की सबसे बड़ी प्रयोगशाला है, जहाँ अणुओं की सारी तोड़-फोड़ हो रही है। वहाँ के प्रवेशद्वार के सामने नटराज…

शिव एक अघोरी हैं, भयंकरता से परे… सबसे सुंदर, सबसे भद्दे और गृहस्थ भी!

वह सबसे सुंदर हैं तो सबसे भद्दे और बदसूरत भी। अगर वो सबसे बड़े योगी व तपस्वी हैं तो सबसे बड़े गृहस्थ भी। वह सबसे अनुशासित भी हैं, सबसे बड़े…

#महाशिवरात्रि का रहस्य: मंदिर या शिवाला में नहीं बल्कि यहाँ और ऐसे मिलेंगे भोलेनाथ

महाशिवरात्रि आपको अपने बोध से परिचय कराने की रात्रि है। योग परम्परा के अनुसार बात की जाए तो ख़ुद को अस्तित्व से जोड़ लेने की रात। यह एक ऐसी रात…

महाभारत में उत्तर-पूर्व भारत

प्रतिरोध की सबसे लम्बी परम्परा होने, पूर्व की ओर बढ़ते रेगिस्तानी लुटेरों, उपनिवेशवादियों, मजहबों को राजनैतिक विचारधारा का नकाब पहनाए आक्रमणकारियों के खिलाफ सबसे लम्बी आजादी की लड़ाई जारी रखने…

समाप्त हो चुका है अनुच्छेद 370 का औचित्य, अब इसे जाना चाहिए: जानिए क्यों और कैसे

अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर जितना विवाद है उससे अधिक इसकी गलत व्याख्या की जाती रही है। इस अनुच्छेद की व्याख्या में अनर्गल तर्क देने वाले बुद्धिजीवी यहाँ तक…

पहली महिला डॉक्टर: आनंदी गोपाल ने आज के दिन कहा था दुनिया को अलविदा

आज महिलाओं के लिए आनंदी एक मानक है। उनके संघर्षों और उनके जीवन के अहम बिंदुओं को समय-समय पर याद करते रहना इसलिए भी जरूरी है ताकि शिक्षा को लेकर…

केसरी की असली कहानी: जब 21 सिखों ने 10000 इस्लामी आक्रांताओं को चटाई थी धूल

संख्या में मात्र 21 लेकिन अनंत साहस एवं पराक्रम से भरे सिख जवानों ने 10,000 इस्लामी आक्रांताओं के पसीने छुड़ा दिए। हम भले ही उनके बलिदान को भूल गए लेकिन…