नसीर साहब! जब आपके घर में कॉकरोच आता है तो आप उसे ‘शरणार्थी’ कहते हैं क्या… मुगल भारत के निर्माता नहीं, कॉकरोच थे
यह 'डर' अच्छा है और यह 'डर' तब तक बना रहना चाहिए, जब तक घर की सफाई पूरी नहीं हो जाती है।
यह 'डर' अच्छा है और यह 'डर' तब तक बना रहना चाहिए, जब तक घर की सफाई पूरी नहीं हो जाती है।
क्या यह विचित्र नहीं है कि इस देश में हिंदू अराध्यों को गाली दी जा सकती है, देश के टुकड़े-टुकड़े करने की बात हो सकती है... पर गाँधी पर सवाल…
भारतीय राजाओं, भारतीय सनातन धर्म और भारतीय इतिहास को लेकर नसीरुद्दीन शाह हिन्दुओं में हीन भावना भरना चाहते हैं। मुगलों का गुणगान क्यों? औरंगजेब की आलोचना से दिक्कत क्यों?
आखिर क्या कारण है कि चित्रकूट के हिंदू महाकुंभ की उपेक्षा करने वाले हरिद्वार और रायपुर के 'धर्म संसद' पर इतना हल्ला मचा रहे?
गुलाम नबी आज़ाद बता दें कि धर्मांतरण अगर प्यार-पुचकार से होता है तो गुरु तेग बहादुर को क्यों बलिदान देना पड़ा था? मामला उनके ही राज्य का है।
ईसाई नेता दीवान बहादुर सिन्हा ने जिन्ना का समर्थन कर पंजाब का बँटवारा करा दिया। उसी पाकिस्तान में उनका और ईसाईयों का बुरा हश्र हुआ।
इस्लामिक मकतूब मीडिया के पत्रकार ने ट्विटर पर मेवात में बजरंग दल की रैली का वीडियो डाल कहा कि हिंदू-मुस्लिम में दरार पैदा की जा रही है।
संस्कृति आज भी उसी मार्ग का गमन करती दिख रही है जिस मार्ग से वह हर युग से चलती रही है – स्त्री अपमान का मार्ग।
भाजपा सांसद हेमा मालिनी द्वारा मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर को लेकर दिए गए बयान को लेकर डिजिटल मीडिया वेबसाइट SheThePeople ने रिपोर्टिंग की है।
हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है। इसलिए राहुल गाँधी को यह आलेख हिंदू-हिंदुत्व का व्याकरण समझाते हुए सप्रेम भेंट कर रहे हैं।