विचार

कृषि कानूनों की वापसी: BJP को उनकी ही वेबसाइट पर मौजूद ये पुस्तक पढ़नी चाहिए, जानिए क्यों

एक साल पहले जब किसान प्रदर्शनकारी दिल्ली के लिए निकले थे, तभी इस आंदोलन में खालिस्तानी तत्वों की उपस्थिति का स्पष्ट रूप से पता चल गया था।

12वीं की 2 बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न, दोनों ने की आत्महत्या: सुरक्षा बिना शिक्षा कब तक?

स्कूलों में बेटियों की अस्मत से लगातार खिलवाड़ हो रहा है। तमिलनाडु में पिछले एक हफ्ते में दो छात्राओं ने आत्महत्या की है।

पाकिस्तान-चीन ने किसानों में फैलाया प्रोपेगेंडा, राहुल-अखिलेश-ममता-केजरीवाल… सबका दुष्प्रचार यथार्थ पर भारी

कृषि बिल विरोध आड़ में हिन्दू सिख भाईचारे को भी नुकसान पहुँचाने की कोशिश हुईं। 26 जनवरी की लाल किले की घटना को इससे जोड़कर देखा जा सकता है।

इंदिरा का कानून, चिदंबरम ने लाया था विधेयक: BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ने से कॉन्ग्रेस बेचैन क्यों? तस्करी-घुसपैठ को नेताओं का संरक्षण

म्यांमार -बांग्लादेश से भारी तादात में घुसपैठ की घटनाएँ होती हैं। तस्करी और घुसपैठ को अनेक राजनेताओं और कई राज्य सरकारों का संरक्षण मिलता है।

सेक्युलर मुखौटे वाला खालिस्तानी आंदोलन, जहाँ भीड़तंत्र के सामने बेबस रही पुलिस: ‘ठेकेदारों’ से निपटने और कम्युनिकेशन पर सोचे केंद्र

कार्यकर्ताओं को भरोसे में नहीं लिया या संचार व्यवस्था कमजोर रही? भीड़तंत्र वाले 'ठेकेदारों' के हिंसक आंदोलन के बाद क्या करे केंद्र सरकार? आगे इस तरह की बलैकमेलिंग से निपटने…

हिंसक भीड़ के सामने झुकी सरकार या सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम: आखिर PM मोदी ने क्यों वापस लिए कृषि कानून, जानिए अंदर की बात

कई लोग मान रहे हैं कि केंद्र सरकार सड़क पर उतर कर भीड़ और हिंसा के सहारे अपनी बात मनवाने की कोशिश करने वालों के सामने झुक गई है। अंदर…

‘वह PM बने रहने के काबिल नहीं’: इंदिरा गाँधी के लिए एक कॉन्ग्रेसी ने डायरी में लिखा, 9 महीने बाद नेहरू की बेटी ने बना ली अपनी ‘जी हुजूर’ कॉन्ग्रेस

इंदिरा ने पुराने कॉन्ग्रेस को फुस्स कर एक ऐसी कॉन्ग्रेस खड़ी कर ली जहाँ उनके चाटुकारों ने 'इण्डिया इज इंदिरा एंड इंदिरा इज इण्डिया' कहने में भी संकोच नहीं किया।

बिरादर ‘थूकने’ से फैलता है कोरोना, वैक्सीन लेने से नहीं होते ‘नपुंसक’: सलमान खान के कहने का इंतजार न करो, टीका लगवा लो

वैक्सीन को लेकर मुस्लिम समाज में यही झिझक पोलियो के खिलाफ अभियान के शुरूआती दिनों में भी दिखी थी जिसके कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।

झूठ, फेक न्यूज़, प्रोपेगेंडा, चोरी पकड़े जाने पर शोर… त्रिपुरा ने फिर साबित किया लेफ्ट-लिबरल गिरोह के लिए एजेंडा ही सबकुछ

लिबरल गिरोह और उसके इकोसिस्टम के लोगों के लिए अब अपने एजेंडा को छिपाने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती। अब ये इकोसिस्टम पूरी बेशर्मी के साथ अपना एजेंडा चलाता है।

वीर दास जैसों की भारत घृणा ‘अभिव्यक्ति की आजादी’, कंगना की अभिव्यक्ति ‘घृणा’: कुंठा की ये नंगई नहीं चलेगी लिबरलों

जो कंगना रनौत की बातों के विरोध में किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं, वही वीर दास के लिए अभिव्यक्ति की आजादी का हथियार चला रहे।