राजनैतिक मुद्दे

BJP की सोशल इंजीनियरिंग से खिले विष्णु, मोहन और भजन, 2024 से पहले हिंदुओं को जाति में बाँटने की राजनीति मुरझाई

इन 9 नामों ने विपक्षी गठबंधन की हिंदुओं की एकता को खंडित करने की साजिश को एक झटके में चकनाचूर कर दिया है। राम मंदिर के उद्घाटन से पहले सोशल…

धीरज साहू के ₹500 करोड़ जायज, क्योंकि कॉन्ग्रेस को भी चुनाव लड़ना है: रघुराम राजन आप ‘अर्थशास्त्री’ ही हैं या ‘चम्मच’

रघुराम राजन ने कॉन्ग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से मिले ₹500 करोड़ को सही ठहराया है। कहा है कि चुनाव लड़ने के लिए पैसे चाहिए होते हैं, इसलिए विपक्षी…

KCR की ‘टोपी’ चुग गई कॉन्ग्रेस, जानिए क्यों तेलंगाना में मुस्लिमों ने थामा ‘हाथ’: वो ‘सूत्र’ जिसे पकड़ प्रदीप भंडारी ने किया नतीजों का सबसे सटीक आकलन

तेलंगाना में आखिर क्यों मुस्लिम वोटरों ने BRS को छोड़ कॉन्ग्रेस को दी प्राथमिकता? समझिए इसके कारण। 2024 लोकसभा चुनाव में मोदी को रोकने के लिए तैयार हो रहे मुस्लिम…

बहुतेरे MP निकम्मे, फिर भी 2024 में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ सकती है BJP: जानिए कैसे और गहरा हुआ मोदी मैजिक

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नतीजे उम्मीदों का जनादेश हैं। ये बताते हैं कि 2024 के आम चुनावों से कुछ महीने पहले मतदाताओं पर PM मोदी का प्रभाव अब…

शिवराज का ‘नारी सम्मान’, ‘लाडली बहना’ ने रखा मान: यूँ ही Exit Polls नहीं दिखा रहे मध्य प्रदेश में फिर से ‘मामा की सरकार’

अधिकांश एग्जिट पोल में कहा जा रहा है कि मध्य परदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार की वापसी हो रही है। इसके पीछे कई कारण हैं।

उधर राहुल गाँधी का ‘टेम्पल रन’ इधर राम मंदिर की सुनवाई अटकाते कपिल सिब्बल… किसके इशारों पर सुप्रीम कोर्ट को ‘गंभीर दुष्परिणाम’ की दे रहे थे धमकी?

सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल ने राम मंदिर की सुनवाई अटकाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में कुछ ऐसा कर दिया, जिससे बोर्ड ने भी दूरी बना ली। उस…

20 साल पहले भी CM गहलोत को जनता ने मतदान प्रतिशत बढ़ा सत्ता से किया था बेदखल, इस बार भी बढ़ा है वोटिंग %… खिलेगा कमल!

पिछले 20 सालों के चुनाव नतीजों को गौर करें तो पाएँगे कि जब-जब मतदान प्रतिशत में गिरावट आई है, तब-तब कॉन्ग्रेस फायदा पहुँचा है।

यदि PM मोदी ‘पनौती’ हैं तो भारत को ‘पनौती’ प्रधानमंत्री ही चाहिए

क्रिकेट का एक खराब दिन या एक कप का हाथ से फिसलना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वह जमीन नहीं छीन सकता जो उन्होंने भारतीय खेल जगत के लिए तैयार की…

कॉर्पोरेट और विदेशी हस्तक्षेप का कारण बनते चुनावी बॉन्ड: राजनीतिक दलों के लेनदेन में जनता ही गौण, जानिए क्यों गड़बड़ है अनियंत्रित, असीमित और अपारदर्शी दान वाली ये व्यवस्था

चुनावी बॉन्ड का जारीकर्ता SBI है, जो एक सरकारी बैंक है। इससे सरकार द्वारा विपक्षी दलों को चंदा देने वाले दानकर्ता की पहचान की ट्रैकिंग की आशंका बनी रहती है…