शिवराज का ‘नारी सम्मान’, ‘लाडली बहना’ ने रखा मान: यूँ ही Exit Polls नहीं दिखा रहे मध्य प्रदेश में फिर से ‘मामा की सरकार’

मध्य प्रदेश में फिर से शिवराज सरकार की वापसी के आसार (फोटो साभार: X/ @ChouhanShivraj)

पाँच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों को लेकर विभिन्न एजेंसियों के एग्जिट पोल (Exit Poll) आ गए हैं। इनमें राजस्थान और मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनाती हुई नजर आ रही है। बाकी राज्यों- छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम को लेकर एग्जिट पोल भी कन्फ्यूज है।

मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 200 सीटें और सरकार बनाने के लिए कम से कम 116 सीटों की जरूरत है। अगर एग्जिट पोल के रुझानों को देखें तो अधिकांश एग्जिट पोल में मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार स्पष्ट बहुमत के साथ वापसी कर रही है। जिन एग्जिट पोल में भाजपा को कम सीटें दी गई हैं, वे बहुमत के आसपास ही हैं।

‘इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया’ और ‘न्यूज 24-टुडेज चाणक्य’ ने भाजपा को 151 सीटें दी हैं, जबकि ‘इंडिया टीवी-सीएनएक्स’ ने 149 और ‘रिपब्लिक-मैट्रिज’ ने 124 सीटें दी हैं। इन चार एजेंसियों ने अपने एग्जिट पोल में भाजपा को स्पष्ट और भारी बहुमत दी है।

वहीं, ‘टाइम्स नाऊ-ईटीजी’ और ‘टीवी9-पोलस्ट्रैट’ ने मध्य प्रदेश में भाजपा को 111 सीटें दी हैं। अगर इनके एग्जिट पोल को भी सही माना जाए तो भी भाजपा बहुमत के आँकड़े से सिर्फ 5 कदम पीछे है। वहीं, दैनिक भास्कर और एबीपी-सी वोटर्स ने भाजपा को क्रमश: 105 और 100 सीटें दी हैं।

इस तरह 8 एजेंसियों के एग्जिट पोल में मध्य प्रदेश में भाजपा को चार एजेंसियों ने पूर्ण बहुमत और दो एजेंसियों ने ‘बहुमत के नजदीक’ के नजदीक के आँकड़े दिए हैं। सिर्फ तीन ही एजेंसियाँ हैं, जिन्होंने कॉन्ग्रेस को बहुमत दिया है। इनमें एबीपी-सी वोटर्स ने कॉन्ग्रेस को 125 सीटें, टाइम्स नाऊ-ईटीजी ने 117 सीटें और टीवी9-पोलस्ट्रैट ने 116 सीटें दी हैं।

अगर राज्य में भाजपा की सरकार बनती है और पार्टी शिवराज सिंह चौहान को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाती है तो मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका पाँचवाँ कार्यकाल होगा। इस तरह मध्य प्रदेश की जनता अपने ‘मामा’ पर एक बार फिर विश्वास करती नजर आ रही है। भाजपा अगर एक बार फिर सरकार बनाती है तो इसमें उसकी जनहित नीतियों का सबसे अधिक श्रेय जाएगा।

भाजपा सराकर ने राज्य में महिलाओं, किसानों, गरीब-मजदूरों के लिए विशेष योजनाएँ चलाईं। अगर चौहान सरकार की वापसी होती है तो इसमें महिलाओं का विशेष योगदान होगा। भाजपा सरकार में मध्य प्रदेश की महिलाओं का अटूट विश्वास दिख रहा है। चौहान सरकार ने महिलाओं के लिए लाडली जैसी कई योजनाएँ चलाईं, जिनकी बदौलत उनकी लोकप्रियता में और वृद्धि हुई।

मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा शुरू गई महिलाओं की एक प्रसिद्ध योजना है ‘लाडली बहन योजना’। इस योजना के तहत राज्य की लगभग 1.25 करोड़ महिलाओं को अक्टूबर महीने से 1,250 रुपए दिए जा रहे हैं। इससे पहले यह राशि 1000 रुपए थी। सीएम चौहान ने अगस्त 2023 में कहा था कि इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 3,000 रुपए प्रति माह की जाएगी।

लाडली बहना योजना इस साल 10 जून को शुरू हुई थी। राज्य सरकार के आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, इस सरकारी योजना के तहत पात्र महिलाओं को वित्तीय सहायता के रूप में लगभग 3,628.85 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस योजना में पहले 23 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को लाभ मिल रहा था। बाद में चौहान सरकार ने उम्र घटाकर 21 वर्ष कर दी।

इसी तरह 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को पहले 600 रुपए प्रति माह दिए जाते थे। उन्हें भी अब राज्य सरकार 1000 रुपए महीना दे दे रही है। इसके अलावा, प्रदेश की जिन महिलाओं के पास रहने के लिए जमीन नहीं है उन्हें फ्री में प्लॉट दिया जाएगा। बढ़े हुए बिजली बिल माफ होंगे। 

इसके अलावा, शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं के आरक्षण में बढ़ोतरी का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा है कि शिक्षकों भर्ती में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। अन्य सरकारी भर्तियों में भी महिलाओं का आरक्षण 35% होगा। इसी तरह स्थानीय निकाय चुनाव में 50 फीसदी, पुलिस की नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि अगले वर्ष से प्रदेश में शराब की दुकानें बंद करने की शुरुआत होगी। उन्होंने कहा था कि नई शराब नीति बनाई जाएगी, जिसमें जहाँ आधी से अधिक यानि 50% से अधिक महिलाएँ चाहेंगी की शराब की दुकान न हो तो वहाँ शराब की दुकानें बंद की जाएँगी। उन्होंने प्रदेश की लड़कियों की पढ़ाई की फीस का जिम्मा खुद उठाने का ऐलान किया था। 

बेटियों के जन्म होने पर परिवार की सोच बदलने के लिए चौहान सरकार ने एक अप्रैल 2007 को ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ की शुरुआत की थी। इसमें बेटियों के जन्म को लेकर सकारात्मक सोच के साथ-साथ लिंगानुपात में सुधार, उनकी शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार आदि के लिए शुरू की गई थी। इसके भी सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं।

चौहान सरकार ने मध्य प्रदेश में महिलाओं की शिक्षा पर भी खूब काम किया। साल 2005 में प्राथमिक स्तर की शिक्षा में लड़कियों के स्कूल छोड़ने का दर 18.26 प्रतिशत था, वो 2023 में घटकर 6.63 प्रतिशत रह गया। माध्यमिक स्तर पर यह दर 18.41 प्रतिशत से रहकर 1.26 प्रतिशत रह गया है। इसी महिला साक्षरता भी 44 से बढ़कर 65.4 प्रतिशत हो गई है।

शिवराज सरकार ने महिलाओं से संबंधित कार्यों के लिए 100 करोड़ रुपए की ‘नारी सम्मान कोष’ की भी स्थापना की है। इसके अलावा, छोटे व्यवसायों के लिए ब्याज मुक्त कर्ज पीएम स्वनिधि योजना एवं मुख्यमंत्री पथ विक्रेता योजनाओं के अंतर्गत दिया जा रहा है। इसमें भी महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। ‘स्कूटी योजना के तहत सरकार हर साल 12वीं के टॉपर्स छात्राओं को स्कूटी खरीदने के‍ लिए पैसे दे है।

मध्य प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना’ भी चलाई जाती है। इस योजना के तहत गरीब परिवार की बेटियों की शादी-निकाह के लिए सरकार द्वारा 51,000 रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है। इसके अलावा, महिलाओं को 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर जैसी योजनाएँ भी हैं।

केंद्र सरकार की किसान सम्मान निधि के माध्यम से मिलने वाले 6,000 रुपए के अलावा मध्य प्रदेश सरकार किसान कल्याण योजना के तहत राज्य को किसानों को 4,000 रुपए वार्षिक देती है। इस तरह लाभार्थी किसानों को साल में कुल 10,000 रुपए की वित्तीय सहायता मिल जाती है।

इस तरह, राज्य की आबादी में 50 प्रतिशत का योगदान देने वाली महिलाओं पर केंद्रित योजनाओं के कारण शिवराज सिंह चौहान का प्रेदश की महिलाओं के बीच अच्छी पैठ है। संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में इस बार मध्य प्रदेश में 77.15 फीसदी का बंपर मतदान हुआ है। पिछले विधानसभा चुनावों की अपेक्षा इसमें 2.10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

इस बार के मतदान में महिलाओं की जबरदस्त भागीदारी रही। राज्य में उनकी कुल वोटिंग जनसंख्या का 76.02 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया है। साल 2003 में यह प्रतिशत 62.14 था, जबकि साल 2018 के चुनाव में यह प्रतिशत 74.02 था। इस तरह भाजपा की कल्याणकारी योजनाओं की वजह से महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।

सुधीर गहलोत: इतिहास प्रेमी