हिन्दुओं को बार-बार नीचा दिखाओ, क्योंकि वे हमारा कुछ नहीं उखाड़ पाएँगे…रत्ती भर भी नहीं
हिन्दू का व्यवसाय धंधा तो मजहब विशीष का कारोबार इबादत कैसे? क्यों असहिष्णुता गणेश चतुर्थी पर ही आती है, मुहर्रम पर नहीं? क्यों कम्पनियॉं मानती हैं कि जूते खाकर भी…