सामाजिक मुद्दे

बच्चों का नृत्य विचारोत्तेजक नहीं बल्कि उनकी क्षमता-शक्ति का परिचायक है, इसे सीमाओं में न बाँधें…

सुपर डांसर रियलिटी शो की दिपाली इसका उदाहरण है, जिसके डांस और एक्सप्रेशन के तालमेल ने उसे टीवी पर्दे पर लीड रोल दिलाया। मुमकिन है अगर इस जगह उसे दायरे…

200 करोड़ रुपया गुप्ता का, ब्याह गुप्ता के लौंडे का और आपको पड़ी है बदरंग बुग्याळ और पहाड़ों की!

दो सौ से दो हजार तक साल लगते हैं उस परत को बनने में जिस भूरी और बेहद उपजाऊ मिट्टी के ऊपर जन्म लेती है 10 से 12 इंच मोती…

लड़की पर पब्लिकली हस्तमैथुन कर फरार हुआ आदमी: मुफ्त मेट्रो से सुरक्षा नहीं मिलती

आप शायद 'सुरक्षा' के नाम पर महिलाओं को मेट्रो में मुफ्त यात्रा करा सकते हैं, लेकिन आप यह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि महिलाएँ वहाँ सुरक्षित हैं?

फ़र्ज़ी समाजशास्त्र के बाद अब झोलाछाप अर्थशास्त्र भी पढ़ाएगा The Wire, मेट्रो पर बाँटा ज्ञान

यह लेख वायर ही नहीं, सभी वामपंथी-चरमपंथियों में बढ़ती हुई खीझ की नुमाईश है। इनका प्रोपेगैंडा धराशायी हो जाने से इनके दिमागों के फ्यूज़ बुरी तरह जल गए हैं।

Netflix पर आई है ‘लैला’, निशाने पर हैं हिन्दू जिन्हें दिखाया गया है तालिबान की तरह

वो पीढ़ी जिसने जब से होश संभाला है, या राजनैतिक रूप से जागरुक हुए हैं, उन्होंने भारत का इतिहास भी ढंग से नहीं पढ़ा, उनके लिए ऐसे सीरिज़ ही अंतिम…

अप्रिय नितीश कुमार, बच्चों का रक्त अपने चेहरे पर मल कर 103 दिन तक घूमिए

हॉस्पिटल का नाम, बीमारी का नाम, जगह का नाम, किसकी गलती है आदि बेकार की बातें हैं, क्योंकि सौ से ज़्यादा बच्चे मर चुके हैं। इतने बच्चे मर कैसे जाते…

ईश-निंदा में फ़ँसे Pak हिन्दू डॉक्टर लटकाए जा सकते हैं सूली पर… लेकिन ‘इनटॉलेरेंस’ भारत में है

जिन्हें अपने देश भारत के कानून इतने दमनकारी लगते हैं कि लैला जैसी डिस्टोपिया बनाकर वह मुस्लिमों की प्रताड़ना दिखाना चाहते हैं, उन्हें केवल एक हफ़्ते पाकिस्तान में बिता कर…

लैला: 2047 के काल्पनिक भारत के नाम पर डर, नफ़रत, अराजकता और हिंदुत्व विरोधी तानाबाना

इनके हर झूठ को बेनकाब कीजिए, इन्हें पढ़िए, तर्कों से घेरिए, इनसे सवाल पर सवाल कीजिए, इनके हर नैरेटिव की लंका लगा दीजिए। इनसे पूछिए कि क्यों ऐसे स्टोरी-टेलर और…

बिहार AES त्रासदी: धिक्कार है ऐसे निकम्मे नेताओं पर, जिनकी वजह से एक-एक कर मर रहे हैं मासूम

आज बिहार लाचार है। बिहार के ग़रीब परिवारों के सामने उनके बच्चों की जानें जा रही हैं और सरकारें हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं। आज बिहार के इन ग़रीबों…

‘Self-Styled Godman’ या ‘धर्मगुरु’ जैसे शब्दों से मजहब नहीं मीडिया की बदनीयत पता चलती है

कुल मिलाकर 'Self-Styled godman' शब्द हमेशा हिन्दू धर्मगुरुओं के लिए इस्तेमाल होता है, यह मीडिया का आम सत्य है। लेकिन इंडिया टुडे समेत पत्रकारिता का समुदाय विशेष इस शब्द का…