‘रूसी सैनिक को पीटती यूक्रेन की बच्ची’: NDTV और कॉन्ग्रेस ने 10 साल पुरानी वीडियो दिखा फैलाई फेक न्यूज

NDTV ने फैलाया फेक न्यूज़

NDTV ने एक बार फिर से एक छोटी लड़की के 10 साल पुराने वीडियो के जरिए उसे यूक्रेनी बताते हुए और वह रूसी आक्रमण का विरोध करने के लिए खड़ी है, ऐसा कहकर फेक न्यूज़ फैलाया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक सिपाही हथियार लेकर खड़ा है और एक छोटी सी बच्ची उसे पीटने लगती है। वह छोटी बच्ची बिना किसी डर के रूसी सैनिक पर चिल्लाती रहती है। NDTV ने बिना जाँच किए इस पर प्रकाशित अपने रिपोर्ट में लोगों को गुमराह किया है।

वीडियो को कॉन्ग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा भी ट्विटर पर शेयर किया गया। यह मोहम्मद ज़ोहा खान द्वारा भी पोस्ट किया गया था, जिनके ट्विटर प्रोफाइल में कहा गया है कि वह एक कॉन्ग्रेसी नेता हैं। उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “इस नन्ही बच्ची की हिम्मत को सलाम देश के लिए हर किसी का खून खौलता है। @LambaAlka”

इसे कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज द्वारा संचालित संगठन अखिल भारतीय परिसंघ के ट्विटर हैंडल से भी साझा किया गया। अखिल भारतीय परिसंघ का ट्विटर पर एक सत्यापित हैंडल है। इसने भी NDTV की तरह ही फेक न्यूज़ फैलाने इरादे से ही वीडियो अपलोड किया, जिसमें कहा गया था कि वह एक यूक्रेनी है और रूसी आक्रमण का विरोध करने के लिए खड़ी है।

हालाँकि, ट्विटर ने अखिल भारतीय परिसंघ द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो को “स्टे इन्फॉर्मड! इस मीडिया को संदर्भ से बाहर बताया गया है।” इस फ्लैग का मतलब है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित विभिन्न वीडियो और चित्र पिछले वर्षों में लिए गए थे और यूक्रेन में वर्तमान स्थिति से जुड़े नहीं हैं।

क्या है सच्चाई

बता दें कि यह वीडियो 10 साल पुराना है और एक फ़िलिस्तीनी लड़की का है।

एनडीटीवी द्वारा रिपोर्ट किया गया और कॉन्ग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा साझा किया गया वीडियो 10 साल पुराना है। यह एक वीडियो है जिसे 2012 में फिलिस्तीन में शूट किया गया था। वीडियो में दिख रही लड़की अहद तमीमी है जिसने इस्राइल के वेस्ट बैंक में एक इजराइली सैनिक के सामने खड़ी है।

वह इजरायली सेना द्वारा अपने भाई की गिरफ्तारी के खिलाफ खड़ी हुई है। तमीमी को 2017 के अंत में नेबी सालेह के वेस्ट बैंक गाँव में अपने घर के बाहर इजरायली सैनिकों को मारते और हमला करते हुए कैमरे में कैद होने के बाद आठ महीने जेल की सजा सुनाई गई थी। उसे 2018 में रिहा किया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया