भाजपा को घेरने के लिए अक्सर झूठ और फेक खबरों का सहारा लेने वाली देश की सबसे पुरानी पार्टी कॉन्ग्रेस ने एक बार फिर अपनी किरकिरी करा ली है। दरअसल, कॉन्ग्रेस (Congress) ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उसने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) बनाने के लिए एक शिवलिंग सहित करीब 200 मंदिरों को ध्वस्त कर दिया था।
वाराणसी कॉन्ग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा, “खबरों की मानें तो काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने के लिए करीब 200 मंदिर/शिवलिंग तोड़ने पड़े थे। एक भारत माता मंदिर था, जो लगभग 5000 साल पुराना था। मकान तोड़े गए उसमें से मंदिर निकले। बात बनारस की है। बनारस को वाराणसी भी कहते हैं। मोदी जी वाराणसी के सांसद हैं।”
कॉन्ग्रेस का दावा निकला झूठा
हालाँकि, पीएम मोदी और भाजपा पर हमला करने की हड़बड़ी में कॉन्ग्रेस पार्टी ने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने का काम किया है। भाजपा और पीएम मोदी पर लगाए गए आरोप और मंदिर विध्वंस का यह वीडियो पूरी तरह से गलत है। बिना पुष्टि किए कॉन्ग्रेस पार्टी ने जो वीडियो शेयर किया है, उसका वाराणसी से कोई लेना-देना नहीं है। यह सब वह दुष्प्रचार और लोगों में बीजेपी के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए कर रही है। आपको बता दें कि यह वीडियो तमिलनाडु का है। पिछले साल जुलाई में तमिलनाडु में कोयंबटूर नगर निगम के अधिकारियों ने यह मंदिर तोड़ा था।
कोयंबटूर नगर निकाय के अधिकारियों ने मुथनानकुलम बाँध (Muthanankulam bund) को बनाने के लिए सात मंदिरों को तोड़ा था। अधिकारियों की मौजूदगी में अर्थमूवर्स ने अम्मान कोविल, बन्नारी अम्मन कोविल, अंगला परमेश्वरी, करुप्पारायण कोविल, मुनीस्वरन कोविल और कुछ अन्य मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया था।
सात मंदिरों में से एक मंदिर 100 साल पुराना था। इसके विध्वंस पर सोशल मीडिया यूजर्स में भारी आक्रोश देखने को मिला था। नेटिज़न्स ने एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार पर तमिलनाडु में सदियों पुराने हिंदू मंदिरों पर हमला करने का आरोप लगाया था। खैर, तमिलनाडु में अपनी सहयोगी Dravida Munnetra Kazhagam (DMK) पार्टी की निंदा करने की बजाय कॉन्ग्रेस सोशल मीडिया पर भाजपा के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने में व्यस्त है। लेकिन सोशल मीडिया पर अपनी किरकिरी होने के बाद कॉन्ग्रेस ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया है।