फेक न्यूज़ फैलाने को लेकर हमेशा ट्रोल होने वाली पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी की काली करतूत एक बार फिर सामने आई है। इस बार स्वाति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोशाक को लेकर फर्जी खबर फैलाने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। बता दें कि, स्वाति ने शनिवार (अगस्त 24, 2019) को प्रधानमंत्री की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ करके उसे ट्विटर पर पोस्ट किया। जिसमें पीएम मोदी को यूएई की यात्रा के दौरान अरबी पोशाक ‘बिष्ट या घुटरा’ पहने दिखाया गया है।
स्वाति चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री की छवि को खराब करने और उनका मजाक उड़ाने की नियत से इस तस्वीर को अपने ट्विटर हैंडल पर ‘offered without comments’ कैप्शन के साथ शेयर किया। तस्वीर में लाल रंग के घेरे में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि प्रधानमंत्री ने बिष्ट पहनी हुई है। हालाँकि, विदेश मंत्रालय द्वारा पोस्ट की गई मूल तस्वीर में आप देख सकते हैं कि पीएम मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के दौरान मोदी जैकेट के साथ अपने सामान्य परिधान पहने हैं। इस तस्वीर को देखने के बाद स्वाति के झूठे दावे बेबनियाद साबित हो जाते हैं।
दरअसल, स्वाति पीएम की तस्वीर को फोटोशॉप करके ये दिखाना चाहती थी कि वो अपने देश में तो हिन्दू विश्वास का प्रदर्शन करते हैं, लेकिन संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के दौरान उन्होंने खुशी-खुशी अरबी पोशाक को अपनाया।
मगर स्वाति की काली करतूत ज्यादा देर तक छुपी न रह सकी और काफी लोगों ने इनकी करतूत का पर्दाफाश कर दिया। जिसके बाद स्वाति चतुर्वेदी ने ये कहते हुए अपना पोस्ट हटा लिया कि वो तस्वीर फोटोशॉप थी।
स्वाति चतुर्वेदी, ने हमेशा ही प्रासंगिक बने रहने के लिए सरकार के खिलाफ झूठे प्रचार और फर्जी खबरों का सहारा लिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद भी स्वाति चतुर्वेदी ने गृह मंत्री अमित शाह से संबंधित फर्जी पोस्ट शेयर किया था। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह संसदीय सत्र में सो रहे थे। हालाँकि, बाद में यह खबर भी फर्जी साबित हुई।
सोशल मीडिया पर फर्जी खबर फैलाने के मामले में स्वाति चतुर्वेदी का पुराना इतिहास रहा है। इससे पहले, उन्होंने ठुकराए हुए प्रेमी के हाथों हिंसा की शिकार लड़की को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की हिंसा के रूप में दिखाया था और राष्ट्रीय स्तर के एक राजनेता के बयान को भी राष्ट्रीय चैनल पर तोड़-मरोड़ कर पेश किया था।
इसके अलावा उन्होंने अमित शाह के भाषण को लेकर भी झूठ फैलाया था और कन्हैया कुमार पर हमले को लेकर बीजेपी के बारे में झूठी अफवाहें फैलाई थी। इतना ही नहीं, जब खुद की इन करतूतों की वजह से उनकी विश्वसनीयता कम होने लगी, उनके पाठकों का विश्वास उन पर से उठने लगा तो उन्होंने इसके लिए ऑपइंडिया को जिम्मेदार ठहराया, क्योंकि ऑपइंडिया ने उनके द्वारा वर्षों से फैलाए जा रहे फर्जी खबरों का पर्दाफाश कर दिया।