सोशल मीडिया के दौर में किसी व्यक्ति विशेष के नाम पर फैलाई जा रही हर खबर हकीकत हो ये जरूरी नहीं होता। हाल में 83 वर्षीय बिजमेसमैन रतन टाटा का नाम इस्तेमाल करके ऐसी ही फेक न्यूज फैलाई गई। एक मैसेज शेयर हुआ जिसमें लिखा था कि शराब खरीददारों को फूड सब्सिडी नहीं दी जानी चाहिए, ऐसा रतना टाटा ने कहा है, जबकि सच्चाई ये थी कि रतन टाटा ने ऐसा कुछ कहा ही नहीं।
वायरल होते संदेश में लिखा था, “आधार कार्ड से शराब की बिक्री होनी चाहिए। शराब खरीदने वालों के लिए सरकारी फूड सब्सिडी बंद की जानी चाहिए, क्योंकि जिनके पास शराब खरीदने के लिए पैसे हैं, वे खाना भी जरूर खरीद सकते हैं।”
अब वैसे तो इस फेक पोस्ट में रतन टाटा के नाम की स्पेलिंग (Rathan Tata) भी गलत लिखी थी, जिससे कुछ लोग शायद नोटिस करते कि ये पोस्ट फेक है। मगर, कई लोग ऐसे भी होते हैं जो पोस्ट को सरसरी निगाह से देख कर फॉर्वर्ड कर देते हैं और उसकी प्रमाणिकता जाँचना जरूरी नहीं समझते। शायद यही वजह है कि अपने नाम से फैलाई जा रही फेक न्यूज का भंडाफोड़ स्वयं रतन टाटा ने किया।
https://twitter.com/boomlive_in/status/1434388323913641987?ref_src=twsrc%5Etfwउन्होंने पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए उसे फेक न्यूज बताया और लिखा, “मैंने ऐसा कभी नहीं कहा, धन्यवाद।” उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी रतन टाटा ने इसी तरह अपने नाम पर फैलाई जा रही फेक न्यूज का भंडाफोड़ा था। उस समय उन्होंने लोगों से किसी भी मैसेज को आगे फॉर्वर्ड करने से पहले चेक करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था, “अगर मुझे कुछ कहना होगा तो मैं अपने आधिकारिक चैनल पर कहूँगा।”