‘कार का शीशा साफ करने वालों से सावधान, घड़ी के जरिए अकाउंट कर दे रहे खाली’: FASTag स्कैन से लूट, जानें खबर का सच

फास्टैग पेटीएम को लेकर वायरल दावे की सच्चाई

सोशल मीडिया पर ज्यादा लाइक, ज्यादा रीच की चाह के कारण अक्सर लोग अलग-अलग हथकंडे आजमाते है। इसी क्रम में वह मनगढ़ंत दावे करने से भी गुरेज नहीं करते और नतीजा ये होता है कि सामान्य यूजर उन दावों पर यकीन करने लगाता है। हाल में ऐसा ही एक दावा बकलोल वीडियो नाम के यूट्यूब चैनल से हुआ।

चैनल पर 23 जून को साझा की गई एक स्क्रिप्टिड वीडियो में दिखाया गया कि आजकल जो बच्चे गाड़ी साफ करने आते हैं उनके हाथ में एक घड़ी होती है, जिससे वह कार पर लगे FASTag को स्कैन करते हैं और मालिक के पेटीएम से सारा पैसा निकाल लेते हैं।

वीडियो में नजर आ रहा व्यक्ति एक बच्चे को गाड़ी साफ करते हुए दिखाता है और फिर अपना दावा करता है। वीडियो के टाइटल में लिखा गया- “अगर आपकी गाड़ी पे FASTag है तो वीडियो जरूर देखें।” इस वीडियो को 24 मिलियन लोग अब तक देख चुके है।

अब जाहिर है आज के समय में जिस तरह के साइबर क्राइम हो रहे हैं तो किसी को भी इस दावे पर यकीन हो जाए। लेकिन देखने वाली बात ये है कि एक तो इस वीडियो के कैप्शन में साफ तौर पर इसे स्क्रिप्टिड बताया गया है और दूसरा इसके वायरल होते ही पेटीएम से लेकर पीआईबी सबने ये जानकारी दी है कि किस तरह FASTag काम करता है।

पीआईबी ने जानकारी दी कि वीडियो में जैसा दावा है कि बच्चे के हाथ में बँधी घड़ी FASTag स्कैन करने के लिए है, वो दरअसल बिलकुल गलत है। इस तरह की ट्रांजैक्शन बिलकुल नहीं हो सकती है। हर टोल प्लाजा का अपना यूनिक कोड होता है।

इसके अलावा पेटीएम ने भी इस वायरल दावे को लेकर कहा है कि एनईटीसी की गाइडलाइंस के मुताबिक इस तरह कोई FASTag ट्रांजैक्शन नहीं हो सकती। यह सिर्फ ऑथराइज्ड मर्चेंट ही कर सकता है। पेटीएम ने कहा है कि उनका फास्टैग पूर्ण रूप से सुरक्षित है।

इसी तरह फास्टैग एनईटीसी ने अपने ट्वीट में बताया, “एनईटीसी फास्टैग ट्रांजेक्शन सिर्फ रजिस्टर्ड मर्चेंट के जरिए ही हो सकती हैं। ये मर्चेंट टोल प्लाजा और पार्किंग प्लाजा ऑपरेटर होते हैं। इन्हें NPCI पर उनकी जियो लोकेशन के हिसाब से रजिस्टर किया जाता है। कोई भी अनऑथराइज डिवाइस एनईटीसी फास्टैग ट्रांजेक्शन नहीं कर सकता है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है।” यानी फास्टैग की तरफ से भी बकलोल वीडियो पर अपलोड वीडियो को फर्जी बताया गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया