पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज किए जाने के बाद से उन पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही है और वे ‘फ़रार’ हैं। कल मंगलवार (अगस्त 19, 2019) देर रात सीबीआई की टीम उनके निवास पर पहुँची लेकिन वह नहीं मिले। आज सुबह से ही सीबीआई की टीम उनके घर पर डटी हुई है। चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) से ग़ैर-क़ानूनी स्वीकृति दिलाने के लिए रिश्वत ली। यह 2007 का मामला है जब वह देश के वित्त मंत्री थे
सीबीआई और ईडी, दोनों ही इस मामले की जाँच कर रहे हैं। क्या आपको पता है कि चिदंबरम के ख़िलाफ़ इस मामले की जाँच में पीटर मुखर्जी और इन्द्राणी मुखर्जी के बयानों का अहम योगदान है? मुखर्जी दम्पति आईएनएक्स मीडिया के प्रमोटर थे और फिलहाल जेल में बंद हैं। इन्द्राणी ने प्रवर्तन निदेशालय को दिए बयान में बताया कि फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड के पास आईएनएक्स मीडिया ने अर्जी भेजी थी और उसकी स्वीकृति दिलाने के लिए उन्होंने कम्पनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ चिदंबरम से उनके दफ्तर में मुलाक़ात की थी।
https://twitter.com/Zee_Hindustan/status/970675976249139200?ref_src=twsrc%5Etfwइस बातचीत में पीटर मुखर्जी भी शामिल थे। उन्होंने चिदंबरम को बताया कि आईएनएक्स मीडिया ने एफडीआई के लिए एफआईपीबी के पास अर्जी भेजी है। पीटर ने उस अर्जी की एक प्रति चिदंबरम को सौंपी। इसके बाद चिदंबरम ने जो कहा, वह जाँच एजेंसियों के लिए एक अहम कड़ी साबित हुई। चिदंबरम ने मुखर्जी दम्पति से कहा कि वह आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी से मंजूरी दिला देंगे लेकिन बदले में उनलोगों को उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के व्यापार में मदद करनी होगी।
यह बयान चार्जशीट में भी शामिल हुआ और कोर्ट में इसे सबूत के रूप में भी पेश किया गया। इन्द्राणी मुखर्जी ने चिदंबरम को रिश्वत भी दी लेकिन इसकी रक़म कितनी थी, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है। इसके बाद 2008 में एफआईपीबी की मंजूरी में कुछ दिक्कतें आईं तो मुखर्जी दम्पति ने ‘उचित सलाह’ के लिए तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम से मुलाक़ात की। कार्ति ने मुखर्जी दम्पति से 10 लाख डॉलर रिश्वत के रूप में माँगे।
https://twitter.com/aajtak/status/969063065206468608?ref_src=twsrc%5Etfwमार्च 2018 में कार्ति चिदंबरम को मुखर्जी दम्पति के सामने बिठा कर पूछताछ की गई थी। इस तरह पीटर-इन्द्राणी के बयानों से सीबीआई और ईडी को आईएनएक्स मीडिया केस में अहम जानकारियाँ मिलीं। पी चिदंबरम और उनके वकील अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। कॉन्ग्रेस इस पूरे प्रकरण को ‘बदले की राजनीति’ बता रही है।