दिल्ली में यमुना किनारे छठ पूजा पर रोक, नदी में पूजा सामग्री डालने पर भी रोक: DDMA ने जारी किया आदेश

इस बार यमुना के किनारे नहीं होगी छठ पूजा

इस बार दिल्ली के छठ व्रतियों के सामने एक समस्या आ गई है। छठ व्रतियों दिल्ली में यमुना नदी के किनारे छठ नहीं मना सकेंगे। यमुना के तटों को छोड़कर निर्धारित स्थानों पर ही छठ पूजा करनी होगी। शुक्रवार (29 अक्टूबर 2021) को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने एक आदेश जारी कर इस बात की जानकारी दी।

दरअसल, कोरोना महामारी को देखते हुए इस साल DDMA ने यमुना नदी के किनारे छठ पूजा पर प्रतिबंध लगा दिया है। DDMA का कहना है कि पूजा के लिए निर्धारित स्‍थान चिह्नित किए जाएँगे और लोग वहीं त्योहार मना सकेंगे। आदेश के अनुसार, यमुना में किसी भी तरह की पूजन सामग्री या कोई अन्य सामान भी विसर्जित नहीं किया जा सकेगा।

आदेश में कहा गया है, ”यमुना नदी के किनारों पर पूजा के लिए कोई स्थल नहीं बनाया जाएगा। नवंबर के महीने में छठ पूजा के आयोजन की अनुमति केवल निर्दिष्ट स्थानों पर जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति से होगी।” प्राधिकरण ने कहा कि पूजा स्थलों का चयन और उनका प्रबंधन जिला मजिस्ट्रेट संबंधित विभागों के समन्वय के साथ करेंगे। 

इसके अलावा, छठ पूजा का आयोजन करने वाली समितियों को संबंधित डीएम को लिखित सूचना देनी होगी और ये बताना होगा कि सभी गाइडलाइंस का सही से पालन किया जाएगा। इसके साथ ही जिलाधिकारियों को कोरोना गाइडलाइंस का पालन करवाने के लिए जागरुकता अभियान भी चलाना होगा।

गौरतलब है कि छठ पूजा दिपावली के बाद मनाया जाता है। इस महापर्व को पवित्रता, निष्ठा, सच्ची भक्ति और श्रद्धा के साथ ही सूर्य की उपासना और आराधना का प्रतीक माना जाता है। छठ पर्व चार दिन कार्तिक शुक्ल चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी और सप्तमी को मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 8 नवंबर को नहाय खाय से प्रारंभ होगा और 11 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया