प्राण-प्रतिष्ठा से पहले राम जन्मभूमि पर चल रहा यज्ञ, रेलवे स्टेशन अब कहलाएगा ‘अयोध्या धाम’: भव्य मंदिर में क्या-क्या होगा सब कुछ चंपत राय ने बताया

चंपत राय ने बताया राम जन्मभूमि में होंगी क्या व्यवस्थाएँ, परिसर में लगातार चल रहा यज्ञ

राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होनी है, लेकिन उससे पहले से ही वहाँ अनुष्ठान इत्यादि शुरू हो गए हैं। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में चारों वेदों की सभी शाखाओं का पारायण और यज्ञ अनवरत चल रहा है। देश के सभी प्रांतों से मूर्धन्य वैदिक विद्वानों और यज्ञाचार्यों को इस अनुष्ठान में सम्मिलित होने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास द्वारा आमंत्रित किया जा रहा है। ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट ने बताया है कि यह अनुष्ठान प्राण-प्रतिष्ठा तक अनवरत चलता रहेगा।

वहीं ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी राम मंदिर के संबंध में कई नई जानकारियाँ साझा की हैं। उन्होंने बताया कि पानी सरयू नदी से ली जाएगी और फिर ट्रीट की जाएगी, या फिर जमीन से पानी ली जाएगी जो फिर भूमि में ही जाएगा। उन्होंने कहा कि 70 एकड़ में अधिक से अधिक 30% कंस्ट्रक्शन है, मतलब 20 एकड़ में कुछ न कुछ निर्माण हो रहा है और 50 एकड़ भूमि में हरियाली है, घास है, पेड़-पौधे हैं और सैकड़ों वर्ष पुराने वृक्ष भी हैं, ऐसा घना जंगल भी है जहाँ सूर्य की किरणें धरती पर आती भी नहीं।

उन्होंने कहा कि ग्राउंड वॉटर का लेवल कभी नीचे नहीं जाएगा, ये मेंटेन रहेगा। उन्होंने कहा कि जीरो डिस्चार्ज की पॉलिसी है, नाली का कोई पानी सरयू नदी में नहीं जाएगा। वर्षा का जल भूमि के नीचे जाएगा। चंपत राय ने बताया कि अगर 25,000 यात्री आते हैं तो उनका सामान रखने के लिए लॉकर है – जूता-चप्पल, मोबाइल, पर्स, छोटे बैग्स। इसके लिए ‘पिलग्रिमेज फैसिलिटी सेंटर (PFC)’ बनाया गया है। उन्होंने नक़्शे के माध्यम से बताया कि कहाँ क्या व्यवस्था है।

वहीं पर एक छोटा सा अस्पताल भी होगा। पंखा, पानी, चिकित्सालय, लॉकर वगैरह सब यहीं होंगे। आराम करने के लिए भी व्यवस्था होगी। गर्मियों में नंगे पाँव चलने पर पैर न जलें, इसकी व्यवस्था होगी। वॉशरूम के लिए भी एक बड़ा परिसर तैयार किया गया है। चंपत राय ने बताया कि ये कॉम्प्लेक्स केवल तीर्थयात्रियों के लिए होगा, ये ट्रस्ट का है। इसका वेस्टेज नगर निगम के सीवर में नहीं जाएगा। 2 सीवर ट्रीटमेंट प्लांट यहीं पर बनाए जा रहे हैं।

VHP नेता चंपत राय ने आगे बताया कि वर्षा का जल भी नगरनिगम की नालियों में ड्रेनआउट नहीं होगा, जीरो डिस्चार्ज की पॉलिसी है। चंपत राय ने बताया कि ट्रस्ट का गठन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर भारत सरकार ने किया था। वहीं अब अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम बदल कर ‘अयोध्या धाम जंक्शन’ कर दिया गया है। अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि जनभावनाओं के अनुरूप ये निर्णय लिया गया है। साथ ही उन्होंने स्टेशन की तस्वीरें भी शेयर की हैं।

चंपत राय ने बताया कि मंदिर के चारों तरफ 732 मीटर का परकोटा बनाया जा रहा है। दक्षिण भारत के मंदिरों में ऐसा होता आया है। इसकी दीवार 14 फ़ीट की होगी। इसके 4 कोनों पर 6 मंदिर होंगे – सूर्य, शंकर, भगवती, गणेश, विष्णु और हनुमान। लिफ्ट और रैम्प भी बनाया गया है। बुजुर्गों-दिव्यांगों के लिए ये व्यवस्थाएँ होंगी। वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, शबरी और अहिल्या की मूर्ति भी होगी। 5 वर्ष के भगवान राम, यानी रामलला की मूर्ति 51 फ़ीट की होगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया