तिलक हटाओ, हिंदी मत बोलो, बुर्का मतलब महिला सशक्तिकरण… एआर रहमान के परिवार को कितना जानते हैं आप

एआर रहमान अपनी बीवी (बाएँ) और अम्मी के साथ (फोटो साभार: NEWS 18)

बॉलीवुड के मशहूर गायक और म्यूजिक कंपोजर एआर रहमान (A R Rahman) को हाल ही में चेन्नई में हुए एक अवॉर्ड शो के दौरान बीवी सायरा बानो (Saira Banu) से ‘हिंदी में मत बोलो, तमिल में बोलो’ कहते हुए सुना गया। सोशल मीडिया पर उनका वीडियो वायरल होने के बाद से सायरा बानो चर्चा में हैं। एआर रहमान और सायरा बानो का निकाह 1995 में हुआ था। लेकिन संगीतकार की अम्मी करीमा बेगम ने अपने बेटे के लिए सायरा को नहीं, बल्कि उनकी छोटी बहन मेहर को पसंद किया था।

बानो के अब्बा कारोबारी रहे हैं। उन्होंने रहमान की अम्मी से साफ कह दिया था कि वह पहले अपनी बड़ी बेटी का निकाह करेंगे और फिर छोटी के बारे में सोचेंगे। तब जाकर उन्होंने सायरा को अपनी बहू बनाया। सायरा की बहन मेहर ने साउथ के मशहूर एक्टर राशिन रहमान (Rashin Rahman) के साथ निकाह किया है। सायरा और एआर रहमान के एक बेटा और दो बेटियाँ हैं। बेटे का नाम एआर आमीन है। वह प्लेबैक सिंगर हैं। बड़ी बेटी खातिजा है, जो अपने अब्बा की तरह संगीतकार हैं। छोटी बेटी का नाम रहीमा है।

खातिजा बुर्के को लेकर विवादों में रह चुकी है। बुर्के में उनकी एक तस्वीर पोस्ट कर प्रख्यात लेखिका तस्लीमा नसरीन ने खातिजा पर तंज कसा था। तस्लीमा ने 11 फरवरी 2020 को ट्वीट किया था, “मुझे एआर रहमान का संगीत बहुत पसंद है, लेकिन जब भी उनकी प्यारी बेटी को मैं देखती हूँ तो मेरा दम घुटने लगता है। यह जानकर निराशा हुई कि एक शिक्षित महिला का भी ‘सांस्कृतिक परिवार’ में बड़ी आसानी से ब्रेनवॉश किया जा सकता है।”

तस्लीमा नसरीन के ट्वीट पर भारी बवाल हुआ था। खातिजा ने बुर्के का बचाव करते हुए कहा था कि वह अपनी स्वेच्छा से बुर्का पहनती हैं। उन्होंने यहाँ तक कह दिया था कि इससे लड़कियाँ सशक्त होती हैं। वहीं अपनी बेटी के बुर्के का बचाव करते हुए एआर रहमान ने कहा था कि अगर संभव होता तो वे भी बुर्का पहन लेते। इसे उन्होंने महिलाओं के लिए अच्छी चीज बताई थी। खातिजा रहमान (Khatija Rahman) ने ऑडियो इंजीनियर रियासदीन शेख मोहम्मद से 5 मई 2022 को निकाह किया था।

बता दें कि तमिल गीतकार पिरईसूदन (Piraisoodan) ने 2020 में एआर रहमान (A R Rehman) के परिवार को लेकर एक हैरान करने वाला खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि एक बार जब वह रहमान के घर पर गए तो उनकी अम्मी ने उन्हें घर में विभूति और तिलक न लगाकर आने को कहा था। इसे सुनते ही पिरईसूदन ने अपने माथे से धार्मिक चिह्नों को हटाने से मना कर दिया था। पिरई के लिए रहमान की अम्मी के शब्द किसी धक्के से कम नहीं थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया