‘जो हमारे खिलाफ होगा हम उसके खिलाफ होंगे’: मालदीव में शूटिंग का एक और बॉलीवुड संगठन ने किया विरोध, कहा- वहाँ छुट्टी मनाने भी न जाएँ

मालदीव में शूटिंग का बॉलीवुड के एक और संगठन ने किया विरोध (फोटो साभार: Hans India/Strat News)

मालदीव के भारत विरोधी रवैए को लेकर ​बॉलीवुड लगातार मुखर है। ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन (AICWA) ने बॉलीवुड से मालदीव में फिल्मों की शूटिंग नहीं करने की अपील की है। मालदीव की मुइज्जू सरकार के मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीयों के विरुद्ध अपमानजनक बातें लिखने और भारतीय सेना को मालदीव से हटाने की बात करने के बाद यह अपील की गई है।

ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश श्यामलाल ने कहा है, “मालदीव की सरकार ने भारत सरकार से कहा कि वह 15 मार्च तक सारे फौजी हटा ले। कुछ दिन पहले मालदीव सरकार के मंत्रियों ने भारत के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। इसके बाद भारतीयों ने उनके विरुद्ध ट्रेंड चलाया। मैं AICWA के अध्यक्ष होने के नाते बॉलीवुड सहित भारत की बाकी फिल्म इंडस्ट्री से अपील करता हूँ कि वह मालदीव का बायकॉट करें। वहाँ शूटिंग ना करें। ना ही वहाँ छुट्टी मनाएँ। जो भी हमारे खिलाफ खड़ा होगा हम उसके खिलाफ खड़े होंगे।”

14 जनवरी 2024 को मालदीव सरकार ने भारत से अपने सैनिक 15 मार्च 2024 तक निकालने को कहा था। AICWA अध्यक्ष ने सभी भारतीय कलाकारों से भारतीय समुद्री पर्यटनस्थलों को बढ़ावा देने की अपील भी की है। AICWA वही संगठन है जिसने फिल्म आदिपुरुष के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। इस पत्र में आदिपुरुष की स्क्रीनिंग को थिएटर में तुरंत बैन करने की डिमांड की थी। साथ कहा था कि इसे किसी भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज न होने दिया जाए।

गौरतलब है कि इससे पहले भी एक अन्य बॉलीवुड एसोसिएशन ने ऐसी ही अपील की थी। फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एंप्लॉयज (FWICE) ने भी एक प्रेस रिलीज जारी कर मालदीव में शूटिंग करने का विरोध किया था। अपील की थी कि भारत में ही वैकल्पिक जगह देखकर वहाँ फिल्में शूट की जाए।

10 जनवरी 2024 को FWICE ने प्रेस रिलीज जारी कर सभी फिल्म प्रोड्यूसर से मालदीव में अपनी शूटिंग बुकिंग रद्द करने की अपील की थी। उन्होंने इस रिलीज में निर्माताओं से फिल्म शूटिंग के लिए भारत में समान स्थानों को चुनने और भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने का आग्रह किया था। FWICE ने अपनी रिलीज में बताया था कि वो ये फैसला मालदीव के तीन मंत्रियों द्वारा भारत के खिलाफ जारी की गई अपमानजनक टिप्पणी के कारण ले रहे हैं। FWICE ने विश्व स्तर पर सम्मानित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गई ‘गैर जिम्मेदाराना’ और ‘घटिया’ टिप्पणियों की भी निंदा की थी।

क्या था पूरा विवाद?

हाल ही में मालदीव की मुइज़्ज़ू सरकार में मंत्री मरियम शिनुआ, मालशा शरीफ और अब्दुल्ला मह्जूम समेत सत्ताधारी पार्टी के अन्य सदस्यों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ काफी अपमानजनक टिप्पणियाँ की थीं। मुइज्जू की सरकार में मंत्री मरियम शिनुआ ने प्रधानमंत्री मोदी को इजरायल की कठपुतली कहा था। इनकी यह अभद्रता प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरें डालने के बाद सामने आई थी।

भारत के नाराज होने के बाद मालदीव की सरकार ने इन मंत्रियों को निलंबित कर दिया था और साथ ही एक बयान जारी करके कहा था कि मालदीव की सरकार ऐसे बयानों का समर्थन नहीं करती है और यह इन व्यक्तियों के निजी मत हैं। मालदीव के दो पूर्व राष्ट्रपति और मालदीव की राजनीतिक पार्टियों ने भी मुइज्जू सरकार के मंत्रियों की आलोचना की थी।

इनकी अपमानजनक टिप्पणियों के कारण भारत में मालदीव के प्रति उबाल आ गया और लोगों ने मालदीव के इस रवैये की आलोचना की। एक्स (पहले ट्विटर) पर भी इसको लेकर लगातार अभियान चलाया गया। भारत ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति की गई टिप्पणियों को राजनयिक स्तर पर भी मालदीव के साथ उठाया।

बता दें कि मालदीव विवाद के बाद से अब तक तमाम लोग मालदीव का बॉयकॉट कर रहे हैं। भारत की बड़ी-बड़ी हस्तियाँ जो वहाँ छुट्टियाँ मनाने जाती थीं, वो भी खुलकर भारतीय द्वीपों का प्रचार कर रही हैं। यहाँ तक इजरायल ने भी खुले में भारत को सपोर्ट किया है

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया