कश्मीर से अनुच्छेद 370 पर पाकिस्तान लगातार अपनी प्रतिक्रियाएँ दे रहा है। पाकिस्तान ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से अलगवावादियों का समर्थन करते हुए भारत से सभी तरह के संबंध खत्म करने का फैसला लिया है। इसी कड़ी में एक दिन पहले पाकिस्तान ने भारतीय फिल्मों के पाकिस्तान में प्रदर्शन पर बैन लगा दिया है।
इसी कदम के जवाब में ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन (एआईसीडब्ल्यूए) All Indian Cine Workers Association (AICWA) ने पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर बॉलीवुड में पाक कलाकारों पर ब्लैंकेट बैन की माँग की है।
https://twitter.com/ANI/status/1159760498239389696?ref_src=twsrc%5Etfwएआईसीडब्ल्यूए के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तान में जिस तरह भारतीय सिनेमा पर रोक लगाने की बात कही है, उसी प्रकार हम भी फिल्म इंडस्ट्री से अनुरोध करते हैं कि वे भी पाकिस्तानी आर्टिस्ट, म्यूजीशियन और डिप्लोमेट पर रोक लगाएँ। उन्होंने एक स्टेटमेंट जारी कर पाकिस्तानियों पर रोक लगाने की माँग की है।
जब पाकिस्तानी ‘मोमिन’ गायक गुलाम अली ने बताया था भारतीय ‘काफिरों’ के रुपयों को जायज
दरअसल, पाकिस्तान में भारतीय सिनेमा पर रोक लगाने पर एक बयान सामने आया था। इसमें पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के आई एंड बी के स्पेशल असिस्टेंट ने कहा था कि पाकिस्तान के सिनेमाघरों में भारतीय फिल्मों की स्क्रीनिंग नहीं की जाएगी।
क्या है ब्लैंकेट बैन?
ब्लैंकेट बैन का मतलब किसी भी चीज पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाना है। इसके पहले AICWA ने फरवरी 2019 में पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के विरोध में भी पाकिस्तानी कलाकारों के बॉलीवुड में काम करने को लेकर पूर्ण प्रतिबंध की माँग की थी।
देखा जाए तो यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तानी कलाकार भारत से नफरत करने के बावजूद यहाँ रोजगार और रुपयों के लिए आते रहते हैं। ऐसा ही एक किस्सा आप यहाँ पढ़ सकते हैं, जब मशहूर ग़ज़ल गायक गुलाम अली को ‘काफिरों’ के पैसों को जायज बताने के चक्कर में करारा जवाब मिला था। उन्होंने कहा था कि एक ‘मोमिन’ होने के नाते वो भारत देश के काफ़िरों की सिर्फ शराब, शबाब और और पैसा पसंद करते हैं और इसमें उन्हें कोई परेशानी नहीं होती। लेकिन…