इस कन्नड़ फिल्म ने IMDb पर अब तक की सभी भारतीय फिल्मों को पछाड़ा, 14 दिनों में लागत से 5 गुना अधिक कमाई: टीम से मिले मोदी सरकार के मंत्री

अपनी ही इंडस्ट्री की सबसे बड़ी हिट 'KGF 2' को भी 'कांतारा' ने पीछे छोड़ा

कन्नड़ फिल्म ‘कांतारा (Kantara)’ गत 30 सितंबर को रिलीज हुई है। रिलीज के महज 14 दिन में ही फिल्म ने लागत से करीब 5 गुना अधिक की कमाई कर ली है। यह फिल्म IMDb पर सबसे अधिक रेटिंग वाली भारतीय फिल्म भी बन गई है। फिल्म के निर्माताओं ने शुक्रवार (14 अक्टूबर, 2022) को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की है।

ऋषभ शेट्टी (Rishab Shetty) और सप्तमी गौड़ा (Sapthami Gowda) स्टारर फिल्म ‘कांतारा’ बॉक्स ऑफिस पर लगातार धमाल मचा रही है। इस बीच केंद्रीय केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट कर बताया है कि कांतारा के निर्माताओं ने उनसे मुलाकात की है।

अनुराग ठाकुर ने ट्वीट कर कहा, “मैं Hombale Films की टीम से मिला और उनकी फिल्म ‘कांतारा’ के लिए उनकी सफलता की कामना की। साथ ही भारत को फिल्म दुनिया का हब बनाने के विषय में बातचीत की।”

इस फिल्म की लोकप्रियता की बात करें तो IMDb (इंटरनेट मूवी डेटाबेस) पर यह फिल्म सबसे अधिक रेटिंग वाली भारतीय फिल्म बन गई है। IMDb पर ‘कांतारा’ को 10 में से 9.5 रेटिंग मिली है। इस फिल्म को करीब 13,000 लोगों ने रेटिंग दी है। दिलचस्प बात यह है कि इसे 90 प्रतिशत से अधिक लोगों ने 10 में से 10 रेटिंग दी है। मात्र दो प्रतिशत लोगों ने ही फिल्म को एक रेटिंग दी है।

यह कहना गलत नहीं होगा कि ‘कांतारा’ ने साउथ की ही ‘KGF 2’ और ‘RRR’ जैसी सुपरहिट फिल्मों को भी पीछे छोड़ दिया है। IMDb पर KGF 2 को 8.4 रेटिंग मिली है। वहीं, RRR को 8 रेटिंग दी गई है। इसका सीधा मतलब है कि ‘कांतारा’ ने दर्शकों के दिल में सीधे जगह बनाने में कामयाबी पाई है।

गौरतलब है कि इस फिल्म के कन्नड़ वर्जन की लोकप्रियता के बाद हिंदी पट्टी में भी इसकी माँग की जा रही थी। अब दर्शकों की माँग के आधार पर फिल्म 14 अक्टूबर को हिंदी में भी रिलीज की गई है। जिसके बाद इस फिल्म की कमाई बढ़ने की और तेजी से बढ़ने की संभावनाएँ जताई जा रहीं हैं।

‘कांतारा’ के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की बात करें तो फिल्म शुरुआत से ही बेहतरीन प्रदर्शन करती आ रही है। हालाँकि, रिलीज के कुछ दिनों बाद फिल्म की कमाई में अप्रत्याशित बढ़त भी देखने को मिली है। मसलन, रिलीज के बाद 9वें और 10 वें दिन फिल्म ने 17 करोड़ से अधिक की कमाई की थी, जो कि फिल्म की लागत मूल्य 16 करोड़ से भी अधिक है। ‘Sachnik’ की रिपोर्ट के अनुसार, ‘कांतारा’ ने अब तक कुल 85.6 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है। यानी फिल्म जल्द ही 100 करोड़ के क्लब में भी शामिल हो सकती है।

फिल्म की कहानी

इस फिल्म की कहानी जल्लीकट्टू जैसे दक्षिण भारत के खेल पर आधारित है, जो आधुनिक और सांस्कृतिक विरासत के बीच एक टकराव को दिखाती है। फिल्म की कहानी कुछ यूँ है कि एक राजा ने देवता माने जाने वाले एक पत्थर के बदले अपनी कुछ जमीन गाँव वालों को दे दी थी। राजा को देवता ने पहले ही बता दिया था कि अगर उसने जमीन वापस ली तो अनर्थ हो जाएगा।

दूसरी तरफ एक वन विभाग के अधिकारी को लगता है कि गाँव के लोग अंधविश्वास के कारण जंगल को नुकसान पहुँचा रहे हैं और पशुओं के साथ क्रूरता कर रहे हैं। यही टकराव फिल्म की कहानी है। फिल्म में गाँव वालों के जंगल और जानवरों से जुड़े अपने विश्वास हैं और उनका मानना है कि जब वो जंगल की सेवा करते हैं तो जंगल पर सिर्फ उनका अधिकार है।

कॉन्ग्रेस ने किया था जल्लीकट्टू का विरोध

2011 में कॉन्ग्रसे के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने उत्सव में सांडों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था। साल 2009 के जल्लीकट्टू अधिनियम संख्या 27 के तमिलनाडु विनियमन के तहत त्योहार जारी रहा। वहीं, 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के कानून को रद्द कर दिया और जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया था।

हालाँकि, तमिलनाडु में जल्लीकट्टू का आयोजन जारी रहा। साल 2017 में तमिलनाडु सरकार ने भारत के प्रधानमंत्री के समर्थन से एक विधेयक पारित किया, जिसमें जल्लीकट्टू को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (1960) से छूट दी। पहला कानूनी जल्लीकट्टू उत्सव 1 फरवरी 2017 को मदुरै जिले में आयोजित किया गया था। हालाँकि, साल 2021 के जलीकट्टू आयोजन में शामिल होने राहुल गाँधी खुद गए।

साल 2014 में तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध का स्वागत किया था और कहा था, “मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूँ। यह एक बर्बर प्रथा को समाप्त कर देगा।” मीडिया से बात करते हुए रमेश ने बाद में उत्सव को जारी रखने के भाजपा के प्रयासों की भी आलोचना की थी। उन्होंने इसे एक ‘बर्बर प्रथा’ कहा था और कहा था कि भाजपा चुनाव से पहले कुछ स्थानीय नेताओं को खुश करने के लिए उनका समर्थन कर रही है।

इसके पहले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह से लेकर कॉन्ग्रेस के कई नेताओं तक पार्टी ने हमेशा जल्लीकट्टू का विरोध किया। ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल के एनजी जयसिम्हा को संबोधित एक पत्र में डॉ सिंह ने त्योहार को मनोरंजन का एक क्रूर रूप बताया। उन्होंने कहा, “हमें बुलफाइट्स को हतोत्साहित करना होगा, जो मनोरंजन का एक क्रूर रूप प्रदान करते हैं।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया