… ताकि कोरोना की न पड़े मार: मनोरंजन इंडस्ट्री के प्रभावितों के लिए Netflix का $100 मिलियन फंड

मदद के लिए आगे आया नेटफ्लिक्स

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच दुनियाभर में लोगों का एक मानवीय पहलू भी सामने आया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में कोरोना वायरस के कारण प्रभावित होने वाले गरीब वर्ग की आर्थिक रूप से मदद करने का ध्यान रखने की बात कही। कई नामी एमएनसी कंपनियों ने भी काम जारी न रहने के दौरान भी अपने कर्मचारियों को महीने भर की पूरी तनख्वाह देने की घोषणा की है। लोगों के घरों में कैद होने के बाद युवाओं की पसंदीदा ऑनलाइन विडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइट नेटफ्लिक्स ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के लिए राहत फंड की घोषणा की है।

नेटफ्लिक्स ने $100 मिलियन की आर्थिक राहत निधि की घोषणा की है। इसका उपयोग मनोरंजन और रचनात्मक क्षेत्र के ऐसे सदस्यों की सहायता में किया जाएगा, जो COVD-19 के प्रभाव के कारण टेलीविजन और फिल्म निर्माण बंद होने के कारण रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। नेटफ्लिक्स चीफ कंटेंट ऑफिसर टेड सरानडोस ने कहा कि नेटफ्लिक्स, कम्पनी में कार्यरत लोगों के अलावा अन्य लोगों की मदद के लिए भी आगे आना चाहती है।

एक बयान में उन्होंने कहा, “COVID-19 संकट रचनात्मक क्षेत्र सहित कई उद्योगों के लिए विनाशकारी है। लगभग सभी टेलीविजन और फिल्म निर्माण अब वैश्विक रूप से बंद हो गए हैं। इनमें इलेक्ट्रीशियन और ड्राइवर शामिल हैं, जिनमें से कई को प्रति घंटा मजदूरी के अनुसार भुगतान किया जाता है और प्रोजेक्ट्स के आधार पर काम मिलता है। इस वर्ग ने अच्छे समय में नेटफ्लिक्स की मदद की है। हम इस कठिन समय में उनकी मदद करना चाहते हैं, खासकर तब, जब कि सरकारें अभी भी विश्लेषण कर रही हैं कि वो मदद प्रदान करेंगी या नहीं?”

टेड सरानडोस ने कहा कि जो हो रहा है अभूतपूर्व है और हम इसका अनुमान नहीं लगा सकते हैं। हम लोग केवल उतने ही मजबूत हैं, जितने कि वो लोग जो हमारे साथ काम करते हैं और नेटफ्लिक्स भाग्यशाली है जो इस चुनौतीपूर्ण समय में उन लोगों की मदद कर पा रहा है, जिन्हें इस आपदा ने सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचाया है।

बता दें कि कोरोना वायरस के कारण आधी दुनिया घरों में कैद है। लाखों लोग घर से काम कर रहे हैं। चीन के बाद यूरोप महाद्वीप पर कोरोना ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है। हाल ही में यूरोपियन यूनियन ने नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो स्ट्रीमिंग जैसे प्लेटफॉर्म्स से कहा था कि वे हाई डिफिनेशन (एचडी) क्वालिटी में विडियो दिखाना बंद करें, नहीं तो यूजर्स के बढ़ने के साथ इंटरनेट आउटेज की समस्या हो सकती है। इसके बाद नेटफ्लिक्स ने एचडी वीडियो बंद कर दिया है।

यूरोपियन यूनियन के आग्रह के बाद यूट्यूब ने भी नेटफ्लिक्स के रास्ते पर चलते हुए हाई डेफिनेशन (एचडी) और फुलएचडी की बजाय स्टैंडर्ड डेफिनेशन (एसडी) क्वालिटी में विडियो दिखाने का फैसला लिया है। हालाँकि यह फैसला फिलहाल सिर्फ यूरोप के लिए है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया