क्यों ढह रहा सलमान खान का गढ़: ‘सुशांत भैया’ की मौत से आक्रोशित बिहार, CBI जाँच से कम मंजूर नहीं

सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद बिहार में सलमान खान का विरोध

सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद बिहार में सलमान खान के विरुद्ध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। पटना में इसका सबसे ज्यादा असर दिखा है, जहाँ सिनेमा हॉल्स तो छोड़िए ख़ुद सलमान खान की कंपनी ‘बीइंग ह्यूमन’ की दुकान के सामने से अभिनेता के पोस्टर्स हटाने पड़े। सलमान खान को माँ की गाली देते हुए गाना भी बना है, जो ख़ासा वायरल हो रहा है। नेपोटिज्म और गुटबाजी के लिए लोग सलमान को दोषी मान रहे हैं।

कई मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी भी चर्चा थी कि नेपोटिज्म को बढ़ावा देने वाले सलमान खान ने सुशांत सिंह राजपूत को नज़रअंदाज़ किया और सूरज पंचोली को प्रमोट करने के लिए हर तिकड़म आजमाया। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि पंचोली के कारण उन्होंने सुशांत को खरी-खोटी भी सुनाई थी। हम इन ख़बरों की सच्चाई का दावा तो नहीं करते लेकिन बिहार की जनता ज़रूर इसके कारण सलमान खान से नाराज़ है।

बिहार के कॉमेडियन शेखर सुमन ने स्पष्ट कहा है कि उन्हें इस बात पर यकीन नहीं है कि सुशांत सिंह राजपूत जैसा मजबूत इरादों वाला और प्रतिभाशाली व्यक्ति आत्महत्या कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो वो कोई न कोई सुसाइड नोट ज़रूर छोड़ जाते। शेखर सुमन ने गुटबाजों पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि फिल्म इंडस्ट्री के सारे शेर बनने वाले कायर सुशांत के चाहने वालों के कहर से चूहे बन कर बिल में घुस गए हैं, उनके मुखौटे गिर गए हैं।

सुशांत सिंह राजपूत की हत्या के बाद सलमान खान ने ट्वीट करके उन्हें श्रद्धांजलि दी थी और कहा था कि वो याद किए जाएँगे लेकिन इसके बाद जब उनकी कथित करतूतों की बात करते हुए लोगों ने विरोध शुरू किया तो सलमान ने इसे ‘फैनवॉर’ का रूप समझ लिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वो अपने फैंस को सुशांत के फैंस के साथ खड़े रहने की अपील करते हैं और जिस तरह की बहसः का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसे दिल पर न लेते हुए उसके पीछे की भावनाओं को समझने का निवेदन करते हैं।

उन्होंने लिखा कि अपने किसी प्रियजन को खोना हमेशा काफ़ी दुःखद होता है, इसीलिए उनके फैंस सुशांत सिंह राजपूत के प्रशंसकों और परिवार के साथ मजबूती से खड़े रहें। लेकिन, असल डैमेज इतना बड़ा था कि ये ‘डैमेज कण्ट्रोल’ भी काम नहीं आया। सुशांत सिंह राजपूत बिहार से थे, पूर्णिया में उनका पैतृक घर है- इसीलिए बिहारियों की नाराज़गी इससे शांत नहीं हुई। उन्होंने सलमान खान के बॉयकॉट का निर्णय लिया।

इसीलिए, बिहार में गायकों ने सलमान खान को माँ की गाली देते हुए गाना बनाया। हालाँकि, ये आपत्तिजनक और अश्लील है और इसका समर्थन नहीं किया जाना चाहिए लेकिन इससे लोगों के गुस्से के स्तर को तो पता चलता ही है। विकाश गोपी नामक गायक ने ‘माधर#@ सलमान खान’ नाम से गाना बनाया। इस गाने में सलमान खान, अभिनेत्री आलिया भट्ट और फिल्म निर्देशक करण जौहर के मुर्दाबाद के नारे लगाए गए हैं।

https://twitter.com/BeingSalmanKhan/status/1274404948747235330?ref_src=twsrc%5Etfw

गायक ने इस गाने में ये भी कहा है कि बिहार की राजधानी पटना ही नहीं बल्कि पूरे बिहार में सलमान खान की कोई भी फिल्म रिलीज नहीं होने देनी चाहिए। उसने ‘सुशांत भइया’ की मौत के लिए सलमान खान को ही जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही अपील की गई है कि अगर आप बिहारी हैं तो इस गाने को ज़रूर सुनें। इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है क्योंकि बिहार जैसे राज्य में सलमान खान का विरोध होना बड़ी बात है।

बॉक्स ऑफिस की बात करें तो बिहार सर्किट हमेशा से सलमान खान का गढ़ रहा है। ‘बॉक्स ऑफिस इंडिया’ के अनुसार, यहाँ सबसे ज्यादा कमाई करने वाली शीर्ष 20 फिल्मों में 7 अकेले सलमान खान की है। यहाँ तक कि उनकी ‘भारत’ और ‘रेस 3’ जैसी फिल्मों ने भी बिहार में काफी अच्छा कारोबार किया था। ऐसे में पब्लिक सेंटीमेंट का उनके ख़िलाफ़ होना बताता है कि मामला बड़ा है।

पटना में राजपूत समाज ने भी सलमान खान के पोस्टर्स जलाए। लोगों ने सलमान, करण और आलिया को ‘नेपोटिज्म गैंग’ का वाहक मान लिया है। गुरुवार (जून 18, 2020) को राजपूत समाज लोगों ने ‘बीइंग ह्यूमन’ का कपड़ों की दुकान की तरफ गए और मैनेजर पर दबाव डाल कर दुकान को बंद करवाया। इनमें राजपूत समाज के साथ अन्य लोग भी शामिल थे। इस विरोध प्रदर्शन को पूरा समर्थन मिला।

सलिल मिश्रा नामक एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि सलमान खान को बिहार में कुछ भी नहीं करने दिया जाएगा, न तो उनकी फ़िल्में यहाँ रिलीज होगी और न ही उनकी कम्पनी के प्रोडक्ट्स को यहाँ बेचने की अनुमति दी जाएगी। सलमान खान का एक पुराना वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें सुशांत सिंह राजपूत का नाम आने पर वो उन्हें पहचानने से इनकार कर देते हैं और पूछते हैं कि ये कौन है? इस वीडियो ने आग में घी का काम किया है।

बिहार के फिल्म वितरक रौशन सिंह ने ‘बॉलीवुड हंगामा’ को बताया कि सलमान ही नहीं बल्कि सुशांत की मृत्यु के बाद तीनों खानों के खिलाफ बिहार में भावनाएँ भड़की हुई हैं। उनका कहना है कि दशकों से मुंबई में बिहार के लोगो के साथ कई बार भेदभाव की जो ख़बरें आती रही हैं, उसके कारण नाराज़ लोगों को अपना गुस्सा जाहिर करने का जरिया भी मिल गया है। वो नेपोटिज्म को प्रोमोट करने के लिए तीनों खान से आक्रोशित हैं।

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बॉलीवुड में एक अदद रोल के लिए कभी फुटपाथ पर सोकर या दिन भर में बस एक बार खाना खा कर गुजारा कर के रह चुके अभिनेता पंकज त्रिपाठी कहते हैं कि बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद और गुटबाजी या तरफदारी जैसी चीजें नई नहीं हैं और उन्होंने 18 साल संघर्ष कर के इन सबको झेला है। उन्होंने बताया कि उन्हें ड्राइवर या गार्ड वगैरह के रोल दिए जाते थे। बॉलीवुड में बिहारियों के लिए यही सम्मान है।

आज पंकज त्रिपाठी नेटफ्लिक्स के ‘सेक्रेड गेम्स’ और ‘मिर्जापुर’ जैसे सीरीज में काम कर के नाम कमा रहे हैं। 80 के दशक में बॉलीवुड के शीर्ष सितारों में शुमार रहे शत्रुघ्न सिन्हा यूँ तो मानते हैं कि बिहार के लोगों में फिलहाल गुस्सा व्याप्त है लेकिन साथ ही वो सलमान खान को दोषी ठहराए जाने को सही नहीं मानते। वैसे उनकी बेटी सोनाक्षी सिन्हा को सलमान खान 2010 में ‘दबंग’ फिल्म से लॉन्च किया था। इस सीरीज की तीनों फिल्मों में उनका किरदार है।

पटना के टेलीविजन एक्टर मनीष झा कहते हैं कि ये गुस्सा अस्थाई है। हाल ही में कॉमेडियन सुनील ग्रोवर ने सलमान खान का सोशल मीडिया पर खुला समर्थन किया और विरोध करने वालों को ‘पेड ट्रॉल्स’ करार दिया। बता दें कि वो जिस कपिल शर्मा के शो में काम कर चुके हैं, उनके शो के प्रोड्यूसरों में सलमान खान भी हैं। ऐसे में उन्हें ख़ुश रखना उनकी अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिए भी एक तरीका हो सकता है।

शुक्रवार (जून 19, 2020) को पटना के कारगिल चौक पर कई प्रदर्शनकारियों ने सलमान खान के पुतले जलाए। इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन ‘जन अधिकार छात्र परिषद’ ने किया था। वहाँ लोगों का कहना था कि पिछले 6 महीनों में सुशांत की एक के बाद एक के बाद एक फ़िल्में छीन की गईं, जिसके वजह गुटबाजी और भाई-भतीजावाद है। परिषद के अध्यक्ष विशाल कुमार का सीधा कहना है कि इस आत्महत्या के पीछे बॉलीवुड के बड़े नाम शामिल हैं।

विशाल का कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत किसी बड़े फ़िल्मी हस्ती के परिवार से नहीं थे, इसीलिए उनके साथ भेदभाव हुआ। उन्होंने कहा कि जिनलोगों ने भी सुशांत सिंह राजपूत को प्रताड़ित किया है, उनके खिलाफ मामला दर्ज कर ले सज़ा दी जानी चाहिए। वहीं एक अन्य छात्र नेता नीतीश ने कहा कि सुशांत की आत्मा को शांति तभी मिलेगी जब सीबीआई जाँच हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिले।

जब सलमान ने पूछा था- कौन सुशांत?

बिहार के मुजफ्फरपुर में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बॉलीवुड के बड़े नामों के खिलाफ मामला दर्ज कराया और उन्हें आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया। इनमें सलमान खान, एकता कपूर, करण जौहर, संजय लीला भंसाली शामिल हैं। उन्होंने आपराधिक साजिश का केस दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि इन आरोपितों ने सुशांत सिंह राजपूत को आत्महत्या के लिए मजबूर किया, जो हत्या की श्रेणी में आता है।

हालाँकि, एकता कपूर इन सबको ‘कांस्पीरेसी थ्योरी’ बताती हैं और कहती हैं कि वो इन सबसे अपसेट हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को शोकाकुल परिवार और प्रशंसकों को शांति से छोड़ देना चाहिए और इस तरह का काम नहीं करना चाहिए। एकता ने दावा किया कि उन्होंने ही सुशांत को लॉन्च किया था। बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत ‘पवित्र रिश्ता’ नामक टीवी सीरियल से तभी घर-घर में लोकप्रिय हो गए थे, जब उन्होंने फिल्मों में क़दम भी नहीं रखा था।

चाहे कोई भी राजनीतिक पार्टी के नेता हों, वो बिहार में सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को लेकर विरोध कर रहे हैं। बिहार यूथ कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और फिल्म सेंसर बोर्ड एडवाइजरी कमिटी के सदस्य ललन कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिख कर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले की सीबीआई जाँच कराने की सलाह दी हैख़बरों के अनुसार, उनसे ‘हाफ गर्लफ्रेंड’, ‘बेफिक्रे” और ‘फितूर’ जैसी 3 बड़ी फ़िल्में छीन ली गईं।

ललन का कहना है कि जिस तरह से सुशांत सिंह राजपूत ने इतने कम समय में बॉलीवुड में आकर अपने लिए जगह बना ली, उससे इंडस्ट्री का एक हिस्सा उनसे नाराज़ हो गया। उनका कहना है कि अगर 15 दिनों के भीतर सीबीआई जाँच का आदेश नहीं आया तो उन्हें कोर्ट जाने को मजबूर होना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने सलमान खान और करण जौहर की फिल्मों को बिहार में बैन कराने की भी चेतावनी दी।

इससे पहले कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने भी सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले की सीबीआई जाँच कराने की माँग की थी। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष रहे मनोज तिवारी ने उनके परिजनों से मुलाकात के बाद इसी प्रकार की माँग की थी। बिहार के सभी दलों के नेताओं द्वारा ऐसे बयान देने का मतलब है कि उन्होंने जनता की नब्ज को पहचाना है और जनता सुशांत की मौत से सच में व्यथित है।

सोशल मीडिया में भले करण ने सुशांत की मौत पर दुःख जताया हो, लोग उन्हें भी इसके लिए जिम्मेदार बता रहे

वहीं कंगना ने कहा था कि बॉलीवुड के लिए सुशांत ने इतनी अच्छी फिल्में कीं। मगर उन्हें कभी कोई अवॉर्ड नहीं मिला। उन्होंने ‘काय पो छे’ से डेब्यू किया। उन्हें डेब्यू तक का अवॉर्ड नहीं मिला। उन्होंने 6-7 साल के अंतराल में केदारनाथ, धोनी और छिछोरे जैसी अच्छी फिल्में बनाईं। मगर, फिर भी उन्हें कोई अवॉर्ड नहीं मिला। कोई सराहना नहीं मिली। वहीं, गली बॉय जैसी वाहियात फिल्म को अवॉर्ड मिल जाते हैं।

फिल्म निर्देशक अभिषेक कपूर ने खुलासा किया है कि ‘केदारनाथ’ की रिलीज के बाद मीडिया ने सारा अली ख़ान को तो सिर-आँखों पर बिठा लिया था, लेकिन सुशांत सिंह राजपूत को नकार दिया था, जिससे वो बुझे-बुझे से रहते थे। इस फिल्म के डायरेक्टर अभिषेक ही थे। उन्होंने ही सुशांत की लॉचिंग फिल्म ‘काई पो चे’ को भी डायरेक्ट किया था। कपूर ने बताया कि मीडिया द्वारा इस तरह का भेदभाव किए जाने के कारण सुशांत अंदर से बुझे-बुझे से रहते थे।

अनुपम कुमार सिंह: चम्पारण से. हमेशा राइट. भारतीय इतिहास, राजनीति और संस्कृति की समझ. बीआईटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस में स्नातक.