‘अडानी सभी बैंकों को खरीद सकता है’ – सुब्रमण्यम स्वामी के आरोपों पर कंपनी ने बता डाला 30 साल का रिकॉर्ड

गौतम अडानी और सुब्रमण्यम स्वामी

शनिवार (16 जनवरी 2021) को अडानी ग्रुप ने बैंक का लोन नहीं चुकाए जाने के आरोप का स्पष्टीकरण जारी किया। इसके अलावा यह भी कहा कि उनके ग्रुप पर एक भी एनपीए (गैर निष्पादित परिसंपत्ति) नहीं होने का रिकॉर्ड पिछले तीन दशकों से बरकरार है। शुक्रवार (15 जनवरी 2021) को सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर के ज़रिए अडानी ग्रुप पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ग्रुप ने 4.5 लाख करोड़ का लोन नहीं चुकाया है जो कि अब एनपीए में तब्दील हो चुका है।  

अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी को ‘Trapeze artist’ (फँसाने वाला कलाकार) कहते हुए दावा किया कि 2016 से ग्रुप की आय हर दो साल में दोगुनी हो रही है। इसके बावजूद अडानी ग्रुप ने बैंक के लोन नहीं चुकाए। राज्यसभा सांसद ने अडानी समूह पर तंज कसते हुए कहा कि वह सभी बैंकों को खरीद सकता है, जैसे उसने कुल 6 बड़े हवाई अड्डे खरीदे हैं। 

https://twitter.com/Swamy39/status/1349929332433555459?ref_src=twsrc%5Etfw

2019 में अडानी ग्रुप ने 6 बड़े हवाई अड्डों को संचालित करने की नीलामी जीती थी। 

इन आरोपों के सामने आते ही अडानी ग्रुप ने आधिकारिक रूप से अपना पक्ष रखा है और कहा कि उन पर पिछले 3 दशकों से कोई एनपीए नहीं है। 

स्वामी के आरोपों पर अडानी ग्रुप का जवाब

ट्विटर पर अपना पक्ष रखते हुए ग्रुप ने कहा कि जिन नीतिगत कॉर्पोरेट गवर्नेंस और पूँजी प्रबंधन प्रक्रियाओं से क्रेडिट गुणवत्ता में बढ़ोतरी होती है, उनका अनुसरण करते हुए ग्रुप ने आधारभूत तारकीय बुनियादी ढाँचे की संपत्ति तैयार की। जवाब के अंत में अडानी ग्रुप ने कहा, “हम पर एक भी एनपीए (गैर निष्पादित परिसंपत्ति) नहीं होने का रिकॉर्ड पिछले तीन दशकों से बरकरार है।” 

https://twitter.com/AdaniOnline/status/1350414566228803584?ref_src=twsrc%5Etfw

इसके अलावा अडानी ग्रुप ने ट्वीट में दर्ज की गई संख्याओं को ‘गलत और काल्पनिक’ बताया। जवाब के अगले हिस्से में अडानी ग्रुप ने कहा, “राष्ट्रनिर्माण की हमारी मूल मानसिकता, इस पर रह कर अडानी ग्रुप ने देश की माँगों को मद्देनज़र रखते हुए बुनियादी ढाँचे से जुड़ी चीज़ें बनाई हैं।”

इसके अलावा अडानी ग्रुप ने यह भी कहा, “हमें जिस तरह का नीतिगत कॉर्पोरेट गवर्नेंस और पूँजी प्रबंधन मिला है, उसकी वजह से हमारी कैपिटल गुणवत्ता लगातार बढ़ी है और ऋण से EBITDA का अनुपात 4 से कम है। जिसका यह मतलब है कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने हमें क्रेडिट रेटिंग काफी ज़्यादा दी है।”       

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया