‘मसूद ने फ्री कोचिंग दी, जीशान ने क्रिकेट किट और SRK ने मौका’: रिंकू सिंह पर शुरू हुआ इस्लामी प्रोपेगंडा, बोला अली सोहराब – अब वो मुस्लिमों के खिलाफ ट्वीट करेगा

KKR के क्रिकेटर रिंकू सिंह का IPL में बड़ा कारनामा, 'पत्रकार' अली सोहराब का प्रोपेगंडा

क्रिकेटर रिंकू सिंह ने IPL (इंडियन प्रीमियर लीग) में ‘गुजरात टाइटंस (GT)’ के विरुद्ध अंतिम 5 गेंदों पर 5 छक्के लगा कर अपनी टीम ‘कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR)’ को जीत दिलाई। उन्होंने अपने अंतिम 7 गेंदों पर 40 रन ठोक डाले। KKR के कोच चंद्रकांत पंडित, जो घरेलू क्रिकेट में सबसे सफल कोच माने जाते हैं, उन्होंने कहा है कि अपने 43 वषों के करियर में उन्होंने ऐसा कोई चमत्कार नहीं देखा। वहीं रिंकू सिंह की इस पारी पर अली सोहराब जैसों ने प्रोपेगंडा भी शुरू कर दिया है।

अली सोहराब खुद को पत्रकार बताता है और इसी की आड़ में कट्टर इस्लामी एजेंडे को आगे बढ़ाता है। अली सोहराब ने ट्वीट किया, “रिंकू सिंह के पास जब बैट खरीदने के पैसे नहीं थे, तब क्रिकेट किट दिलाई मोहम्मद जीशान ने। कोचिंग के पैसे नहीं थे तो फ्री में कोचिंग दी मसूद अमीन ने। मौका दिया KKR (शाहरुख़ खान) ने। स्क्रीनशॉट कर लीजिए। कुछ वर्षों बाद रिंकू सिंह इस्लाम व मुस्लिमों के खिलाफ ट्वीट करता हुआ मिलेगा।”

अली सोहराब ने एक के बाद एक झूठ बोल कर प्रोपेगंडा तो फैला दिया, लेकिन सोशल मीडिया पर पकड़ा गया। रिंकू सिंह के बारे में बता दें कि वो उत्तर प्रदेश की तरफ से डोमेस्टिक क्रिकेट में खेलते हैं। रिंकू सिंह न सिर्फ बाएँ हाथ के उम्दा बल्लेबाज हैं, बल्कि एक ऑफ स्पिनर भी हैं। अंडर-16, अंडर-19 और अंडर-23 में उन्हें उत्तर प्रदेश की तरफ से मौका दिया गया। उत्तर प्रदेश की तरफ से ही उन्हें लिस्ट ए खेलने का भी मौका मिला।

रणजी ट्रॉफी में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। उन्हें IPL में सबसे पहले ‘किंग्स एलेवेन पंजाब (KXIP)’ ने मौका दिया। इसीलिए, ये गलत है कि IPL में उन्हें शाहरुख़ खान की टीम ने सबसे पहले मौका दिया। उन्हें पहले पंजाब की टीम ने खरीदा था, जो प्रीति जिंटा की है। जानबूझ कर कट्टर इस्लामी एजेंडा फैलाने के लिए झूठ बोला जा रहा है। हाँ, रिंकू सिंह के खेल के दौरान उनके मुस्लिम दोस्त भी थे और ही हिन्दू भी, ऐसे में किसी एकाध को पकड़ कर झूठ फैलाना गलत है।

कई ऐसे मुस्लिम क्रिकेटर भी हैं, जिनके कोच हिन्दू हैं या फिर जिनकी मदद हिन्दू दोस्तों ने की। लेकिन, ये मुद्दा बिलकुल भी नहीं होना चाहिए और इस पर कभी चर्चा हुई भी नहीं। ऐसे में रिंकू सिंह की आड़ में कट्टर इस्लामी एजेंडा फैलाना गलत है। जहाँ तक अली सोहराब की बात है, वो नफरत फैलाने का आदी रहा है और वो कई बार झूठ फैला चुका है। नफरत भरे ट्वीट्स के लिए उस पर मुकदमा भी दर्ज हुआ था। ऐसे व्यक्ति से कैसे उम्मीद की जा सकती है कि वो कुछ अच्छी बात करेगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया