मोदी सरकार की PLI का असर: IPhone मैन्यूफैक्चरिंग से 50 हजार को रोजगार, Apple से 1 लाख और जॉब्स क्रिएट करने की उम्मीद

PLI योजना के तहत एप्पल ने 50000 लोगों को दी नौकरी (फोटो साभार: Mint)

स्मार्ट फोन निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने अगस्त 2021 में एक योजना लेकर आई थी। इसे प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI) कहते हैं। इसका असर अब दिखने लगा है। रिपोर्टों के अनुसार इस योजना की वजह से आईफोन बनाने वाली एप्पल (Apple) भारत में सीधे तौर पर 50 हजार लोगों को रोजगार दे चुकी है। यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब कहा जा रहा है कि एप्पल चीन से अपना कारोबार समेटने की तैयारी कर रही है।

इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार PLI के आँकड़ों का हवाला देकर अधिकारियों ने बताया है कि एप्पल (Apple) ने कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चर्स और कंपोनेंट सप्लायर्स ने भारत में सीधे तौर पर 50 हजार नौकरियाँ पैदा की हैं। करीब एक लाख और रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।

भारत में एप्पल के आईफोन के लिए फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन कान्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स हैं। वहीं, कंपोनेंट सप्लायर्स में सुनवोडा, एवरी, फॉक्सलिंक और सालकॉम्प का नाम शामिल है। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार की PLI योजना का लाभ लेने वाली सभी कंपनियों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को हर तीन महीने में नौकरियों से जुड़े आँकड़े भेजने पड़ते हैं। इन आँकड़ों के आधार पर अधिकारियों ने कहा है कि पीएलआई स्कीम का लाभ लेने वाली कंपनी सैमसंग ने अपनी नोएडा यूनिट में 11500 से अधिक लोगों को नौकरियाँ दी है।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि अपनी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स के माध्यम से एप्पल भारत के तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक बाजार में ब्लू कॉलर जॉब्स (असंगठित नौकरी क्षेत्र) का सबसे बड़ा प्रोवाइडर बन सकता है। अधिकारियों ने कहा है कि एप्पल के तीन कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स द्वारा दी गईं नौकरियों में सबसे अधिक फॉक्सकॉन ने नौकरी दी है। आँकड़ों की माने तो 40% हिस्सा फॉक्सकॉन है।

फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट तमिलनाडु में है। वहीं, विस्ट्रॉन की कर्नाटक में है। अधिकारियों का कहना है कि कंपोनेंट्स और मॉड्यूल प्रोवाइडर्स ने कुछ हजार डायरेक्ट जॉब्स दी हैं। कंपनियों ने बीते 17 महीनों से एप्पल आईफोन सप्लाई चेन के लिए अपनी क्षमता का विस्तार किया है।

इसके अलावा, टाटा समूह ने हरसौर में 500 एकड़ में एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट तैयार की है। जहाँ, आईफोन के निर्माण में आवश्यक उपकरण (कंपोनेंट) बनाए जा रहे हैं। यहाँ टाटा 10 हजार लोगों को सीधे तौर पर रोजगार दे रहा है। अधिकारियों का अनुमान है कि टाटा अगले 18 महीनों में यहाँ काम करने वाले लोगों की संख्या में कई गुना तक बढ़ोतरी करते हुए 45000 लोगों को नौकरी दे सकता है। यही नहीं, टाटा ग्रुप भारत में आईफोन बनाने के लिए विस्ट्रॉन ग्रुप के साथ भी चर्चा कर रहा है।

बता दें कि केन्द्र सरकार ने स्मार्ट फोन निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI) को अप्रैल 2020 में लॉन्च किया था। हालाँकि, यह योजना 1 अगस्त 2020 से मूर्त रूप में सामने आई। कोरोना वायरस महामारी के चलते योजना को आगे बढ़ाया गया। एप्पल को इस योजना का लाभ अगस्त 2021 में प्राप्त हुआ।

उल्लेखनीय है कि एप्पल चीन पर निर्भरता पूरी तरह से खत्म करना चाहता है। एप्पल भारत में आईफोन 11, 12, 13 और 14 का निर्माण कर रहा है। साल 2021 में एप्पल ने PLI के योजना के तहत, 11000 करोड़ रुपए के आईफोन निर्यात किए थे। वहीं, इस वित्तीय वर्ष यह आँकड़ा 20000 करोड़ रुपए के पार जाने का अनुमान है। यह भी कहा जा रहा है कि iPhones के बाद अब iPad प्रोडक्शन भी Apple चीन की जगह पूरी तरह भारत में शिफ्ट कर सकता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया