असम में शुक्रवार (दिसंबर 20, 2019) को 10 दिन के बाद इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई। नागरिकता संशोधन कानून के कारण असम में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद सुरक्षा कारणों से इसे निलंबित किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एयरटेल के वरिष्ठ अधिकारी ने इंटरनेट बहाली के बारे में सूचना देते हुए बताया कि शुक्रवार सुबह नौ बजे इंटरनेट पर लगा प्रतिबंध हटाया गया। उन्होंने कहा, चूँकि उन्हें हाल में प्रतिबंध जारी रखने के कोई निर्देश नहीं मिले, इसलिए उन्होंने मोबाइल इंटरनेट सेवा फिर से बहाल कर दी है।
https://twitter.com/TimesNow/status/1207871558544326657?ref_src=twsrc%5Etfwगौरतलब है कि असम में ब्रॉडबैंड सेवा पहले से ही बहाल हो चुकी है। लेकिन मोबाइल इंटरनेट सेवा शुक्रवार से चालू की गई है। इससे पहले गुवाहटी उच्च न्यायालय ने गुरुवार को शाम 5 बजे ही इंटरनेट सेवा बहाल करने के आदेश दे दिए थे।
इधर, राज्य के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी अपनी ओर से जनता को समझाने की पूरी कोशिश रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने असम के हालातों को इंगित करते हुए कहा कि कुछ लोग गलत सूचना और फर्जी खबरें फैला रहे हैं। ये लोग समाज के दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि असमिया भाषा को हमेशा के लिए राज्य भाषा के रूप में संरक्षित किया जाएगा और सरकार इसे करेगी।
सीएम ने लोगों को आश्वस्त किया है कि कोई भी असम की धरती के बेटों के अधिकारों को नहीं चुरा सकता, उनकी भाषा या उनकी पहचान को कोई खतरा नहीं है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसी भी तरह से असम का सम्मान प्रभावित नहीं होगा। वे लोगों के समर्थन में हमेशा रहेंगे और राज्य में शांति के साथ आगे बढ़ेंगे।
https://twitter.com/ANI/status/1207878700101844993?ref_src=twsrc%5Etfwबता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के बाद असम में कुछ गलतफहमियों के चलते बीते दिनों काफी आक्रोश देखा जा रहा था। जिसके कारण राज्य के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुआ और स्थिति को नियंत्रिण में रखने के लिए इंटरनेट बंद किया गया। लेकिन अब स्थिति सुधरता देख, दोबारा इन्हें बहाल कर दिया गया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है।
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