बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठाओं को दिए गए आरक्षण को हरी झंडी दे दी है, लेकिन उसे घटाकर शिक्षण संस्थानों में 12% तथा सरकारी नौकरियों में 13% करने के लिए कहा है। कोर्ट ने महाराष्ट्र में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की वैधता को बरकरार रखते हुए कहा कि मराठा आरक्षण को 16% से घटाकर 12 या 13% करना चाहिए।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने तर्क देते हुए कहा कि सवर्णों को दिया जाने वाला आरक्षण 16% नहीं होना चाहिए, लेकिन पिछड़ा आयोग की ओर से प्रस्तावित 12 से 13% आरक्षण दिया जा सकता है।
https://twitter.com/ANI/status/1144192171660259328?ref_src=twsrc%5Etfwपिछले साल 30 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा ने सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) श्रेणी के तहत मराठों के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 16% आरक्षण का प्रस्ताव पारित किया था। आरक्षण को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में कई याचिकाएँ दायर की गई थीं, जबकि कुछ अन्य कोटे के समर्थन में दायर की गईं। सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि आरक्षण केवल मराठा समुदाय के उन लोगों को दिया गया जो लंबे समय से उपेक्षित हैं।
महाराष्ट्र में पिछली कॉन्ग्रेस-राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी की सरकार ने भी इसकी प्रकार से 16% आरक्षण का प्रस्ताव दिया था, जिस पर बॉम्बे उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी।